बाबा राम रहीम के विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या में चार अन्य समेत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उन्हें पिछले महीने हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल से एक महीने की पैरोल पर रिहा किया गया था। इस दावे के बाद पुलिस भी जांच पड़ताल में शुरू हो गई है।
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अब एयर एशिया शुरू करेगा कानपुर से घरेलू और कनेक्टिंग फ्लाइटें, इन बड़े शहरों के लिए भी Flights भक्तों का कहना किडनैप हो गया बाबा डेरे के इन श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें सूत्रों से पता चला कि असली डेरा चीफ को किडनैप करने के बाद नकली को जेल में बिठा दिया गया। इस नकली को अब असली बनाकर डेरे की गद्दी हड़पने की कोशिश की जा रही है। डेरे की गद्दी के लिए असली डेरा प्रमुख को मारा जा चुका है या फिर मार दिया जाएगा। जेल में बंद नकली राम रहीम की जांच होनी चाहिए। इसके पीछे हनीप्रीत की चाल बताई।
याचिका में ये हुई मांग याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट हरियाणा सरकार को आदेश दे कि वह असली और नकली राम रहीम की सच्चाई का पता लगाए और यदि यह नकली है तो असली राम रहीम का पता लगाया जाए। याचिकाकर्ताओं में अशोक कुमार नाम का एक व्यक्ति भी शामिल है। अशोक कुमार ने खुद को डेरा सच्चा सौदा का कट्टर अनुयायी होने का दावा किया और याचिका में आरोप लगाया कि रिहाई के बाद उन्होंने राम रहीम के व्यक्तित्व में कई बदलाव देखे। जैसे ऊंचाई एक इंच बढ़ी, हाथों की उंगलियों के साथ-साथ पैरों के आकार में वृद्धि हुई, आंखों का आकार छोटा हो गया, कंधों की चौड़ाई कम हो गई, दांतों की बनावट बदल गई, आवाज और शरीर की भाषा बदल गई याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि पैरोल मिलने के बाद राम रहीम के आधार कार्ड में कुछ बदलाव किए गए थे और इसके पीछे का मकसद फर्जी दस्तावेजों के जरिए डेरा प्रमुख के ट्रस्ट को हड़पना था क्योंकि वह ट्रस्ट के एकमात्र मालिक हैं।