बता दें कि दिल्ली में हुई बैठक में अजित सिंह की रालोद को दो सीटें देने की बात कही जा रही है। इनमें से एक तो पार्टी की परंपरागत सीट बागपत है, जबकि दूसरी मथुरा है। मथुरा से अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि वहां से वह अपना पिछला लोकसभा चुनाव हार गए थे। जबकि मोदी लहर के चलते रालोद ने बागपत सीट भी गंवा दी थी। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में गठबंधन की कवायद तेज हो गर्इ है। शुक्रवार रात दिल्ली में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव व बहुजन समाज पार्टी मुखिया मायावती के बीच बैठक के बाद सपा और बसपा के 37-37 सीटों पर प्रत्याशी उतारने पर सहमति बनने की खबर आर्इ। वहीं अजित सिंह की रालोद आैर कांग्रेस को 2-2 सीटें देने की बात कही जा रही है।
इस समझौते को लेकर रालोद कि आेर से मंडल महासचिव आेमवीर ढाका ने साफ कहा है कि जिस समय समझौते की बात कही जा रही है उस दौरान पार्टी के दोनों राष्ट्रीय नेता ही देश से बाहर थे। सीटों के बंटवारे को लेकर अफवाहें उड़ार्इ जा रही हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन जरूर किया जाएगा, लेकिन इतनी कम सीटों पर कभी भी गठबंधन नहीं होगा। इसको लेकर पार्टी हार्इकमान जल्द ही अपना रुख स्पष्ट करेगा।