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आखिर ऐसा क्या है होम्योपैथिक अस्पताल में, जिसे ‘सर्जरीÓ की दरकार है

-एक भवन में दो विभागों के स्वास्थ्य केन्द्र, सुविधाओं को तरस रहे मरीज-रोजाना 30-40 का आउटडोर

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आखिर ऐसा क्या है होम्योपैथिक अस्पताल में, जिसे 'सर्जरीÓ की दरकार है

आखिर ऐसा क्या है होम्योपैथिक अस्पताल में, जिसे 'सर्जरीÓ की दरकार है

मानपुरा माचैड़ी(जयपुर). चौमूं उपखंड के ग्राम जाटावाली गांव में सालों से एक छोटे से भवन में उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं होम्योपैथिक अस्पताल संचालित हैं, लेकिन भवन जर्जर होने एवं समुचित सुविधाएं नहीं होने से मरीजों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था नहीं मिल पा रही है।
जानकारी के मुताबिक ग्राम जाटावाली में एक छोटे से भवन में करीब 30 साल पहले होम्योपैथिक अस्पताल का संचालन शुुरू किया था। अस्पताल के भवन में बने तीन कमरों में से एक कमरे में चिकित्सा विभाग का उप स्वास्थ्य केन्द्र चल रहा है। वहीं शेष दो कमरे और एक हाल में होम्योपैथिक अस्पताल संचालित है। अस्पताल के बनने के बाद विभागीय अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली, जिससे पूरा भवन जर्जर स्थिति पहुंच गया है।

बारिश में टपकता है पानी

तीस साल पुराने भवन को मरम्मत की दरकार है। भवन की मरम्मत कराने के लिए चिकित्साकर्मियों ने अपने विभाग को अवगत कराया, लेकिन सुध नहीं ली जा रही है। भवन की दीवारों में दरार पड़ी है। वहीं छत भी खस्ताहाल हो गई है। चिकित्साकॢमयों के मुताबिक बारिश में छत से पानी टपकता है। भवन में बना एक कमरा तो इतना खस्ताहाल है कि हादसे की आशंका से इसे उपयोग में ही नहीं लिया जा रहा है।


30 से 40 का आउटडोर

होम्योपैथिक अस्पताल में रोजाना करीब ३० से ४० मरीजों का आउटडोर रहता है। इसमें जयपुर के बाहरी इलाकों के मरीज भी उपचार के लिए आते हैं। इसके अलावा चंदवाजी, चिताणु, लखेर, जैतपुर खींची, अचरोल, मोरीजा, चीथवाड़ी, बांसा, मानपुरा माचैड़ी, बिलौंची, रुण्डल, शिम्भूपुरा, सामोद, महार कला, धवली, राडावास समेत दूर- दराज से मरीज उपचार के लिए आते हैं।

शौचालय ही नहीं
अस्पताल में शौचालय नहीं होने से मरीजों को अस्पताल व दुकानों की दीवार की ओट देखनी पड़ती है। ज्यादा समस्या तो महिला मरीजों के सामने है। यहां भवन में चिकित्सा विभाग का सब सेंटर संचालित होने से गर्भवती महिलाएं टीकाकरण व जांच के लिए भी आती है। महिलाओं को सुविधा नहीं मिलने से शर्मसार होना पड़ता है। अस्पताल भवन में पेयजल की भी सुविधा नहीं है। मरीजों ने बताया कि कोरोना के भय के कारण आसपास की दुकानों पर भी पानी पीने से डर लगता है।


इनका कहना है

चिकित्सा भवन जर्जर हो गया है। बारिश में ज्यादा समस्या आती है। मरम्मत कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
महावीर प्रसाद जांगिड़, सरपंच, ग्राम पंचायत जाटावाली।

इनका कहना है
भवन सालों पुराना है। मरम्मत नहीं होने से भवन जर्जर हो गया है। इस बारे में विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया है। उम्मीद है, जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू होगा।

डॉ. सुमित्रा वर्मा, चिकित्सा प्रभारी, होम्योपैथिक अस्पताल

इनका कहना है

अस्पताल भवन के जर्जर होने की जानकारी नहीं है। जल्द ही अस्पताल का निरीक्षण किया जाएगा। भवन जर्जर है तो मर मत भी करवाई जाएगी।
डॉ. रेणु बंसल, निदेशक, होम्योपैथिक विभाग।