-जनता से सीधे जुड़े हुए है सभी विभाग, एसडीएम अवकाश पर तो अन्य पद खाली -मूल विभाग के अधिकारी के अभाव में विकास कार्यों की रफ्तार पड़ रही धीमी
चौमूं.
अपने विभागों की प्रशासनिक जिम्मेदारी के साथ योजनाओं की मॉनिटरिंग एवं आमजन की जनसुनवाई के तहत राहत देने आदि के लिए सरकारी विभागों में अधिकारी लगाए जाते है। ताकि क्षेत्र में अपने विभागवार प्रशासनिक व्यवस्था अच्छे से बनी रहे और आमजन को समस्याओं से तत्काल निजात मिल सके, लेकिन चौमूं में स्थिति इसके उलट नजर आ रही है। हकीकत यह है कि चौमूं में एक अधिकारी (तहसीलदार) को पांच विभागों के कार्य संचालन की जिम्मेदारी दे रखी है। अतिरिक्त कार्य भार होने से दूसरे विभाग के काम तो दूर भागदौड में अधिकारी के मूल विभाग के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। उक्त विभागों में उधार के अधिकारी के फेर में फरियादी घनचक्कर हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार पिछले कई दिनों से चौमूं तहसीलदार सज्जन लाटा ने एसडीएम, एसीएम, उप पंजीयक, ईओ का अतिरिक्त कार्यभार के साथ अपने मूल विभाग तहसील के राजस्व कार्यों की जिम्मेदारी संभाल रखी है। एक अधिकारी के पास पांच पदों की जिम्मेदारी हो, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त विभागों में जनता का कितना काम हो पा रहा है। अतिरिक्त कार्यभार का असर सीधे तौर पर प्रशासनिक, राजस्व सहित योजनाओं की क्रियान्विति पर पड़ रहा है। वहीं आमजन की समस्याओं का निस्तारण समय पर नहीं हो पा रहा है।(कासं)
१० साल से उप पंजीयक का पद खाली
चौमूं में उप पंजीयक का पद करीब १० साल से खाली पड़ा है। इस पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी तहसीलदार ही संभालते आ रहे है। वर्तमान में भी तहसीलदार ही उप पंजीयन पद का कार्यभार देख रहे है। राजस्व से जुड़ी रजिस्ट्री वगैरह के काम के लिए आमजन को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। तहसील भवन थाना मोड के पास तो उप पंजीयक कार्यालय रेलवे स्टेशन रोड पर करीब तीन किमी दूर है।
एक सप्ताह से एसडीएम अवकाश पर, तहसीलदार को जिम्मा
वर्तमान में एसडीएम पद के अतिरिक्त कार्यभार का जिम्मा भी तहसीलदार ही संभाल रहे है। हालांकि एसडीएम का पद खाली नहीं है। एसडीएम पद पर नियुक्त प्रियव्रत सिंह चारण करीब २७ अक्टूबर से अवकाश पर है। एसडीएम के पास एसीएम का अतिरिक्त कार्यभार होने से तहसीलदार को एसडीएम के साथ एसीएम का भी कार्यभार देखना पड़ रहा है।
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२१ अक्टूबर से ईओ पद की जिम्मेदारी
यहां शहर की नगरपालिका में पद रिक्त होने की स्थिति में २१ अक्टूबर से ईओ पद की जिम्मेदारी भी तहसीलदार ही देख रहे हैं। हालांकि ईओ के जल्द ही पदभार संभालने की संभावना बनी हुई है। यहां नियुक्त ईओ देवेन्द्र जिंदल को डीएलबी की ओर से किए एपीओ आदेश को शुक्रवार को जयपुर में कोर्ट ने पास्त किया है। ऐसे में ईओ पद के भरे जाने की संभावना बन रही है।
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मूल विभाग में तहसीलदार के प्रमुख कार्य
-भू-अभिलेख, नक्शों और सूचनाओं को सुरक्षित रखना
-पटवारियों, कानूनगों और भूमि निरीक्षकों के कार्यों का निरीक्षण
-भूमि का खसरा, नक्शा, नामांतरण और भूमि से संबंधित अभिलेख तैयार कराना
-राजस्व प्ररकणों में न्यायिक कार्य देखना
- क्षेत्रीय सीमा एवं राजस्व विवादों का निपटारा
-चारागाह भूमि के विवाद का निपटारा।
-जन सुनवाई के तहत समस्याओं का निस्तारण करना।
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इनका कहना है--
हां, कार्य का बोझ तो बढ़ा है। हर संभव मूल विभाग सहित अतिरिक्त कार्यभार देख रहे विभागों के काम निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। उनके पास मूल विभाग सहित पांच विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी है।
--- सज्जन लाटा, तहसीलदार, चौमूं।