
Bahraich Encounter: असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि बहराइच हिंसा के आरोपियों के एनकाउंटर का असली सच जानना कठिन नहीं है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पुलिस के पास पर्याप्त सबूत होते, तो आरोपियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता।
ओवैसी ने चेतावनी दी कि उत्तर प्रदेश की 'ठोक दो' नीति केवल कानून का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह समाज में अराजकता को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा, तो कोई भी किसी को उठाकर गोली मारने का साहस कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वीडियो जारी न होता, जिसमें पीड़ित परिवार की बहन अपनी शिकायत रखती, तो पुलिस की कार्रवाई का सच कभी सामने नहीं आता।
ओवैसी ने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस पर गोलियां चलाई जा रही हैं, उसे सवाल नहीं पूछा जाता जबकि जो घायल होता है वह अपनी गलती मानता है। यह स्थिति मानो किसी फिल्म का दृश्य लगती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इस तरह के एनकाउंटर करने वालों को ओलंपिक में भेजा जाना चाहिए, ताकि वे भारत के लिए स्वर्ण पदक ला सकें। ओवैसी ने बहराइच हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल किया कि कितनों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि राम गोपाल की हत्या एक तथ्य है। उन्होंने बहराइच में हुई हिंसा के आरोपियों, सरफराज और तालिब, के पैर में गोली लगने का भी उल्लेख किया।
Updated on:
18 Oct 2024 04:51 pm
Published on:
18 Oct 2024 04:13 pm
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