बड़ी संख्या में ग्रामीण ट्रकों के आने-जाने वाले रास्ते को काटकर विरोध प्रदर्शन करने लगे और उत्खनन को रोक दिया। यदि समय रहते प्रशासन सख्त कार्यवाही नहीं करती है और इसी प्रकार उत्खनन होता रहा तो ग्रामीणों एवं अवैध रेत उत्खननकर्ता के बीच संघर्ष की स्थिति निर्मित हो सकती है।
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गौरतलब है कि सनावल क्षेत्र में पांगन नदी से रेत उत्खनन को लेकर अक्सर विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती है। ग्राम वासी अवैध रेत उत्खनन एवं लीज एरिया से बाहर जाकर नियम विरुद्ध उत्खनन करने का आरोप लगाते हुए तो धरने पर भी बैठे रहे थे।
वहीं अक्सर पांगन नदी में लीज एरिया के बाहर रेत उत्खनन एवं नियम विरुद्ध रेत उत्खनन का आरोप लगते रहता है एवं कई बार विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई है। एक बार फिर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा 15 जून से 30 सितंबर तक उत्खनन पर रोक के बावजूद रेत उत्खनन किए जाने पर दो दिन पूर्व ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा।
सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महुआ घाट में एकत्रित होकर
रेत उत्खनन का विरोध करने लगे। मौके पर चार पोकलेन मशीन एवं डेढ़ सौ से अधिक रेत लोड ट्रक खड़े थे।
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ग्रामीणों ने आने-जाने वाले रास्ते को काटाग्रामीणों द्वारा ट्रकों के आने जाने वाले दो स्थानों को काट दिया गया। ग्रामीणों ने स्पष्ट बोला कि हम नियम विरुद्ध कार्य नहीं होने देंगे। पहले भी लीज एरिया के बाहर अवैध रेत उत्खनन किया गया था। अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के रोक के आदेश के बावजूद भी रेत उत्खनन हो रहा है।
जांच कर कराऊंगा कड़ी कार्रवाई
इस संबंध में एसडीएम अभिषेक गुप्ता ने कहा कि 15 जून के बाद जहां भी रेत उत्खनन हो रहा है। वहां तत्काल संबंधित थाना प्रभारी एवं तहसीलदार को भेजकर जांच करवा कड़ी कार्यवाही की जाएगी। नियम विरुद्ध रेत उत्खनन का कार्य नहीं होने दिया जाएगा।