10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नहीं पहुंची 108 एंबुलेंस, मालवाहक वाहन ने बचाई जान

परिवार का आरोप है कि मरीज की हालत बिगड़ रही थी। परिजनों ने शाम 7 बजे से रात 9.30 बजे तक कई बार 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया, लेकिन हर बार जवाब मिला, एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। निजी एंबुलेंस की भी व्यवस्था नहीं हो पाई। इस दौरान मरीज की स्थिति लगातार खराब होती गई।

less than 1 minute read
Google source verification

file photo

एक गंभीर बीमार मरीज को दो घंटे तक 108 एंबुलेंस Ambulance नहीं मिली। मजबूरन मरीज को मालवाहक गाड़ी में अस्पताल ले जाना पड़ा। राज्य Karnataka के उडुपी जिले में सोमवार देर शाम की इस घटना ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं और सरकार के दावों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

परिवार का आरोप है कि मरीज Patient की हालत बिगड़ रही थी। परिजनों ने शाम 7 बजे से रात 9.30 बजे तक कई बार 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया, लेकिन हर बार जवाब मिला, एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। निजी एंबुलेंस की भी व्यवस्था नहीं हो पाई। इस दौरान मरीज की स्थिति लगातार खराब होती गई। ऐसे में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता विशु शेट्टी आगे आए और अपने मालवाहक वाहन में एक खाट रखकर मरीज को जिला अस्पताल पहुंचाया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पिछले एक वर्ष से 108 सेवा अव्यवस्थित है और कई मरीज समय पर सहायता न मिलने के कारण परेशान रहे हैं।

सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक उडुपी में 18 एंबुलेंस हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि इनमें से सिर्फ 5 से 6 ही नियमित रूप से चल रही हैं। तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए लोगों ने कहा कि शिकायतों के बावजूद सरकार या जिला प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।

उडुपी के विधायक यशपाल सुवर्ण ने आरोप लगाया कि सरकार उडुपी जिले की स्वास्थ्य जरूरतों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रही है। पिछले दो सालों में कई मरीजों को इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा है। 108 एंबुलेंस सेवा बार-बार बाधित हुई है। स्वास्थ्य मंत्री को कई बार जानकारी देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। 108 एंबुलेंस कर्मचारियों को अनुचित शिफ्ट पैटर्न, कम वेतन, वाहन रखरखाव समस्याएं और खराब कार्यस्थल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।