
सीआइडी करेगी जाली प्रमाण पत्र मामले की जांच
कॉलेज को नोटिस जारी कर सभी दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। पूछताछ के बाद एक सप्ताह में कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
बेंगलूरु. कर्नाटक के बेथेल कॉलेज के खिलाफ मान्यता प्राप्त किए बगैर पाठ्यक्रम चलाने और जाली प्रमाणपत्र देने के मामले में जांच की जिम्मेदारी सीआइडी को सौंपी गई है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वी.मंजुला ने बताया कि सीआईडी मामले की जांच करेगी। राजीव गांंधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने सीआईडी जांच की सिफारिश की थी। विवि सिंडिकेट बैठक में कई घंटे चर्चा के बाद सभी सदस्यों ने सर्व सम्मति से इस घोटाले की जींच सीआईडी के जरिए कराने का फैसला लिया था। मामले की सच्चाई जानने के लिए विश्वविद्यालय आंतरिक जांच समिति गठित की थी। इस समिति ने जांच कर सिंडिकेट बैठक में रिपोर्ट पेश की थी। कॉलेज को नोटिस जारी कर सभी दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। पूछताछ के बाद एक सप्ताह में कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के नाम पर बेथेल विजन ग्रुप शिक्षा संस्था ने जाली अंक सूचियां और मेडिकल प्रमाणपत्र जारी किए। विवि ने आंतरिक जांच दल गठित किया था। दल ने कॉलेज पर छापा मार कर जाली अंकसूची, मेडिकल प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज देने का पता लगाया। दल ने 500 जीबी की हार्ड ***** जब्त की थी। जांच दल की रिपोर्ट से इस मामले में कई अधिकारियों और दूसरे लोगों के लिप्त होने का पता चला था।
उन्होंने कहा, रिपोर्ट मेंं बताया गया है कि अंकसूचियां मिटाने और जाली मेडिकल प्रमाणपत्र भी दिए गए। दल के सदस्यों पर रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगे थे। इस सिलसिले में मल्लेश्वरम थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। विश्वविद्यालय ने इराकी मूल की मंसूरी मुबारक नामक छात्रा और उसकी बहन को दूसरे कालेज से परीक्षा देने का अवसर देने की सिफारिश की है। सीआईड़ी सोमवार से जांंच आरंभ करेगी।
Published on:
10 Jun 2018 07:48 pm
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