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पढ़ने और अंकगणित में पीछड़े बच्चों के प्रति गंभीर हुआ शिक्षा विभाग

छात्रों को पहले उनके वर्तमान सीखने के स्तर की पहचान करने के लिए एक सरल मूल्यांकन से गुजरना होगा। परिणामों के आधार पर, उन्हें तदनुसार समूहीकृत किया जाएगा, और उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशिष्ट शिक्षण गतिविधियां और सामग्री तैयार की जाएगी।

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-सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्यक्रम जल्द

बेंगलूरु.

वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसइआर) के अनुसार, कर्नाटक में बड़ी संख्या में छात्र अपनी कक्षा के लिए निर्धारित पाठों को समझने में असमर्थ हैं। वे बुनियादी पढ़ने और अंकगणित कौशल में पिछड़ जाते हैं।सरकारी स्कूलों में छात्रों के बीच सीखने के अंतराल को गंभीरता से लेते हुए, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में सीखने के स्तर के अनुसार शिक्षण नामक एक नया मॉडल शुरू करने का फैसला किया है। छात्रों की बुनियादी भाषा और अंकगणितीय कौशल को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्री मधु बंगारप्पा ने बताया कि सरकारी स्कूलों में कक्षा 4 और 5 में इस पहल को शुरू करने की योजना है। छात्रों को पहले उनके वर्तमान सीखने के स्तर की पहचान करने के लिए एक सरल मूल्यांकन से गुजरना होगा। परिणामों के आधार पर, उन्हें तदनुसार समूहीकृत किया जाएगा, और उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशिष्ट शिक्षण गतिविधियां और सामग्री तैयार की जाएगी।

कक्षा 4 और 5 के शिक्षकों को जुलाई में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिक्षक पढऩे, शब्द पहचान और वाक्य निर्माण को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। छात्रों को संरचित अभ्यासों के माध्यम से धाराप्रवाह पढऩे के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जिला स्तरीय कार्यान्वयन अधिकारी कार्यक्रम की बारीकी से निगरानी करेंगे।

इस योजना का उद्देश्य छात्रों को रोचक गतिविधियों के माध्यम से बुनियादी अंकगणित और भाषा कौशल सिखाना है। विभाग एक विस्तृत शैक्षणिक कैलेंडर भी तैयार कर रहा है और 29 मई को स्कूलों के फिर से खुलने से पहले शिक्षण दिशा-निर्देश जारी करेगा।