11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भारतीय टेस्ट पायलटों के अंतरिक्षयात्री बनने का प्रशिक्षण शुरू

गगनयान मिशन के लिए रूस में शुरू हुआ प्रशिक्षण12 माह का होगा प्रशिक्षण

2 min read
Google source verification
भारतीय टेस्ट पायलटों के अंतरिक्षयात्री बनने का प्रशिक्षण शुरू

भारतीय टेस्ट पायलटों के अंतरिक्षयात्री बनने का प्रशिक्षण शुरू

बेंगलूरु.
रूस स्थित गागरीन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट्स ट्रेनिंग सेंटर (जीसीटीसी) में मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चयनित चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम सोमवार से शुरू हो गया।
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस की अनुषंगी इकाई ग्लावकॉसमॉस ने कहा है कि भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के प्रशिक्षण का काम योजनाबद्ध तरीके हो रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए ग्लावकॉसमॉस जेएससी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (एचएससी) के बीच एक करार हुआ था। तमाम चयन प्रक्रियाओं पर खरा उतरने के बाद भारतीय वायुसेना के चार युद्धक टेस्ट पायलट अंतरिक्ष उड़ान के उम्मीदवार बने।
12 में से 4 चुने गए
दरअसल, गगनयान मिशन के लिए पहले 60 उम्मीदवारों में से 12 टेस्ट पायलटों का चयन लेवल-1 स्क्रीनिंग के लिए किया गया। उन 12 में से फिर चार पायलटों का अंतिम रूप से चयन किया गया और उन्हें गहन प्रशिक्षण के लिए रूस रवाना किया गया है। बेंगलूरु स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आइएएम) ने वायुसेना के 60 में से 12 पायलटों का चयन किया था। इसके बाद ग्लावाकॉसमॉस ने अंतिम रूप से चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया।
सोयूज प्रणाली का भी करेंगे अध्ययन
रूसी एजेंसी ने कहा है कि यह व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम 12 महीने तक चलेगा। प्रशिक्षण के दौरान अंतरिक्षयात्रियों को जैव चिकित्सा प्रशिक्षण (बायोमेडिकल ट्रेनिंग) के साथ-साथ नियमित शारीरिक व्यायाम आदि भी कराया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष यात्री मानवयुक्त अंतरिक्ष यान सोयूज की प्रणालियों का भी विस्तार से अध्ययन करेंगे।
भारहीनता और आपात लैंडिंग का भी प्रशिक्षण
भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को विशेष आइएल-76 एमडीके एयरक्राफ्ट में अल्पकालिक भारहीनता के मोड में भी प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा असामान्य लैंडिंग की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को विभिन्न जलवायु और भौगोलिक क्षेत्रों में भी सही ढंग से कार्य करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा। अधिकांश प्रशिक्षण जीसीटीसी में ही पूरा होगा। मानव अंतिरक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए अंतिम रूप से चयनित ये चारों अंतरिक्ष यात्री पिछले 7 जनवरी को प्रशिक्षण के लिए रूस रवाना हुए थे। भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को प्रशिक्षित करने के लिए ग्लावकॉसमोस के साथ यह करार 27 जून 2019 को हुआ था। करार में अंतरिक्षयात्रियों के चयन और उनके चिकित्सकीय परीक्षण सहित प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं का शामिल किया गया है।