
मन और विचार के यथार्थ को दें महत्त्व
बेंगलूरु. गणेशबाग में विराजित उपाध्याय प्रवर रवीन्द्र मुनि ने बुधवार को धर्मसभा में कहा कि आमतौर पर सत्य का विषय सरल समझा जाता है और उस पर झटपट अपना निर्णय या विचार घोषित कर दिया जाता है किंतु जहां तक मनुष्य के चिंतन मनन का सवाल है यह विषय इतना सरल नहीं है।
उन्होंने कहा कि हजारों सालों का चिंतन और मनन भी लोगों के असत्य के अंधेरे को अभी तक दूर नहीं कर पाया है। बार-बार सत्य का उजाला होता है पर अंधेरा फिर घेर ही लेता है। मुनि ने कहा कि भगवान महावीर ने सत्य के विषय में वाणी की सत्यता को महत्व दिया है लेकिन उससे भी अधिक वे मन और विचार के सत्य को महत्व देते हैं। जब तक मन मे सत्य संकल्प और पवित्र विचार जागृत नहीं होते, मन में आग्रहशीलत, छल कपट, झूठ और लोभ डेरा डाले हों तब तक वचन का सत्य भी सत्य नहीं माना जाता।
आज ज्यादातर संघर्ष और गड़बडिय़ां दिखाई देते हैं, जो बैचेनी फैली हैं उसके मूल में देखें तो असत्य ही मिलेगा। चिकपेट शाखा के महामंत्री गौतमचंद धारीवाल ने बताया कि इससे पूर्व मुनिवृंद चिकपेट स्थानक से पद विहार करते हुए गणेश बाग पहुंचे। विहार सेवा के चेयरमैन रतन सिंघी, चिकपेट शाखा के युवा अध्यक्ष पवन धारीवाल, हेमंत बाफना, अनिल ओस्तवाल व आनंद फुलफगर आदि श्रद्धालु मौजूद रहे। रविंद्रमुनि आदि ठाणा-10 शुक्रवार तक यहीं पर विराजमान हैं।
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समय की महत्ता को पहचानें
बेंगलूरु. राजाजीनगर तेरापंथ महिला मंडल की ओर से तेरापंथ भवन में सीखें स्व-प्रबंधन, संवारे अपना जीवन कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में साध्वी मंजू रेखा ने कहा कि समय की महत्ता को समझें। साध्वी कंचना प्रभा ने कहा कि हर महिला दो धाराओं में प्रवाहित है। और अत्यधिक संस्कार स्वयं प्रतिष्ठित होंगे। साध्वी उदित प्रभा, निर्भय प्रभा, चेलनाश्री ने गीतिका प्रस्तुत की। अध्यक्ष मंजू गन्ना, सोनल मेहता, सुनीता कोठारी मौजूद रहीं।

Published on:
28 Jun 2018 07:51 pm
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