धर्मसभा
बेंगलूरु. आदिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ शांतिनगर में विराजित आचार्य महेंद्रसागर सूरी ने कहा कि धर्म पाए हुए जीवों को कुछ आत्म कल्याण कर बातें सिखाने की जरूरत नहीं होती हंै। सही ज्ञान को अंदर से बाहर लाने की जरूरत है। वह बाहर से पाने की चीज नहीं है अंधकार ज्यों चोरों को आमंत्रण देता है। त्यों अधर्म पापों को आमंत्रण देता है। आलोक पर लोक और परलोक देखकर जो जीवन जीता वह दोनों ही लोग को सुधारते जैन शासन कहता है कि सही लक्ष्य को निर्धारित करके ही धर्म आराधना करनी चाहिए वरना बहुत धर्म करने पर भी ठिकाना नहीं पड़ेगा। लक्ष्य पूर्वक किए गए धर्म की अद्भुत ताकत है कि वह धर्मी को जीवन में शांति देता मरण में समाधि देता है और परलोक में सद्गति देता है। सबसे बड़ी बात और समझने लायक बात तो यह है कि धर्म की आराधना नहीं करने से ही धर्म की भावना नहीं है। ऑफिस धर्म की हर अदा नहीं करने पर भी धर्म की अवहेलना होती है। आप एक बात याद रखिए कि मैं धर्म आराधना के द्वारा शेष बनने के लिए ही समर्पित हुआ हूं, इस बात को रोज याद कीजिए।
विद्यार्थियों ने तत्वज्ञान परीक्षा
बेंगलूरु. आचार्य तुलसी शिक्षा परियोजना के अंतर्गत संचालित तत्वज्ञान तथा तेरापंथ दर्शन की परीक्षाएं मंगलवार को आयोजित की गई। इसके अंतर्गत तेरापंथ महिला मंडल विजयनगर में 12 भाई-बहनों ने परिक्षा में सहभागिता दर्ज कराई। साध्वी विज्ञप्रभा ने भी विजयनगर सेंटर के अंतर्गत परीक्षा दी। केंद्र व्यवस्थापिका बरखा पुगालिया ने कार्य को संपादित किया। एबीटीएमएम की पूर्व महामंत्री वीणा वैद ने सेंटर का अवलोकन किया। कर्नाटक प्रभारी मधु कटारिया की उपस्थिति रही। महिला मंडल के अध्यक्ष प्रेम भंसाली ने सभी परीक्षार्थियों के प्रति शुभकामना व्यक्त की। मंत्री सुमित्रा बरडिय़ा, सह मंत्री अंजू सेठिया, कार्यकारिणी सदस्य सुनीता पीचा, का सहयोग रहा। बेंगलूरु गांधी नगर में आयोजित परीक्षा में 18 बहनों ने भाग लिया। तेरापंथ महिला मंडल राजाराजेश्वरी नगर में सात बहनों ने परीक्षा में सहभागिता दर्ज कराई।