नवपद ओली के छठवें दिन आचार्य देवेंद्रसागर ने कहा कि सम्यकत्व का अर्थ है, निर्मल दृष्टि, सच्ची श्रद्धा और सच्ची लगन।
बेंगलूरु. नवपद ओली के छठवें दिन आचार्य देवेंद्रसागर ने कहा कि सम्यकत्व का अर्थ है, निर्मल दृष्टि, सच्ची श्रद्धा और सच्ची लगन। सम्यकत्व ही मुक्ति-मार्ग की प्रथम सीढ़ी है। सम्यकत्व नहीं है, तब तक समस्त ज्ञान और चारित्र मिथ्या है। जैसे अंक के बिना बिन्दुओं की लम्बी लकीर बना देने पर भी, उसका कोई अर्थ नहीं होता, उसी प्रकार समकित के बिना ज्ञान और चारित्र का कोई उपयोग नहीं, वे शून्यवत् निष्फल हैं।
मुक्ति के लिए सम्यग्दर्शन की सर्वप्रथम अपेक्षा रहती है। सम्यग्दर्शन से ही ज्ञान और चारित्र में सम्यकत्व आता है, इसीलिए दर्शन, ज्ञान और चारित्र तीनों ही भाव सम्यकत्व होते हुए भी सम्यकत्व शब्द सम्यग्दर्शन के अर्थ में ही रूढ़ हो गया है। संस्कृत में सम्यक का मतलब है सही और दर्शन का मतलब है दृश्य। सम्यक दर्शन सभी धर्मों की जड़ है। यह मुक्ति प्राप्त करने के लिए जैन धर्म में तीन रत्नों में से पहला है। सम्यक दर्शन का प्रतीक रंग सफेद है। शुक्ल द्वादशी पर आयंबिल उबले हुए चावल खाकर मनाया जाता है।