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बेल्ट-पाइप से पिटाई, आंखों में मिर्च पाउडर: दिव्यांग नाबालिग के साथ की क्रूरता की हदें पार

स्कूल संचालक अक्षय इंदुलकर और उनकी पत्नी आनंदी पर आरोप है कि उन्होंने बच्चे को बेल्ट और प्लास्टिक पाइप से बेरहमी से पीटा। क्रूरता की पराकाष्ठा तब हुई जब पिटाई के दौरान बच्चे की आंखों में लाल मिर्च पाउडर डाल दिया गया।

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बागलकोट में दिव्यांग नाबालिग लड़के के साथ की क्रूरता

कर्नाटक के बागलकोट जिले में एक दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां दिव्यज्योति स्कूल फॉर डिफरेंटली एबल्ड चिल्ड्रेन में एक 16 वर्षीय मानसिक रूप से दिव्यांग नाबालिग लड़के के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। स्कूल संचालक अक्षय इंदुलकर और उनकी पत्नी आनंदी पर आरोप है कि उन्होंने बच्चे को बेल्ट और प्लास्टिक पाइप से बेरहमी से पीटा। क्रूरता की पराकाष्ठा तब हुई जब पिटाई के दौरान बच्चे की आंखों में लाल मिर्च पाउडर डाल दिया गया।

वीडियो वायरल होने से खुलासा

यह जघन्य घटना तीन महीने पहले की बताई जा रही है, लेकिन हाल ही में इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला सामने आया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि स्कूल के लॉबी में अन्य बच्चे फर्श पर बैठे हैं, जबकि अक्षय इंदुलकर प्लास्टिक पाइप से बच्चे पर वार कर रहे हैं। बच्चा दर्द से कराह रहा है और जमीन पर गिर जाता है, लेकिन हमलावर नहीं रुकते। बच्चे के पैर दबाकर रखे जाते हैं और पिटाई जारी रहती है। अक्षय की पत्नी भी इसमें शामिल दिख रही हैं, जो मिर्च पाउडर फेंकती नजर आ रही हैं।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

वीडियो देखने के बाद पीड़ित बच्चे के माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बागलकोट पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अक्षय इंदुलकर, उनकी पत्नी आनंदी और स्कूल से जुड़े दो अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस घटना के पीछे के मकसद का पता लगा रही है। स्कूल में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के अभिभावकों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया।

राज्य में अपराध दर पर गृह मंत्री का बयान

इसी बीच, कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने शुक्रवार को विधानसभा में राज्य में अपराध दर पर आंकड़े पेश किए। उन्होंने विपक्ष के कानून-व्यवस्था बिगड़ने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि 2025 में अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट आई है। हत्या, लूट, डकैती, मारपीट, दंगे, बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में कमी दर्ज की गई है।

आंकड़ों की झलक:

हत्या के मामले:
2019 में 1589,
2020 में 1315,
2021 में 1340,
2022 में 1365,
2023 में 1293,
2024 में 1208 और
2025 में 1131

बलात्कार के मामले:
2023 में 600,
2024 में 632 और
2025 में 517

गृह मंत्री ने पिछले छह वर्षों के आंकड़े सदन में रखे और कहा कि सरकार ने साइबर अपराधों पर भी सख्ती बरती है, जिससे फर्जी अकाउंट्स और ग्रुप्स बंद किए गए हैं। हालांकि, बागलकोट जैसी घटनाएं राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रही हैं। विशेष बच्चों के साथ ऐसी बर्बरता समाज के लिए शर्मनाक है और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।