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अधिवेशन में जाट समाज ने भरी एकता की हुंकार

नशा मुक्त समाज का संकल्पसामाजिक ताने-बाने को फिर से मजबूत करें: राज्यपाल आचार्य देवव्रतप्रवासी जाट अधिवेशन का आयोजन

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बेंगलूरु. अंतरराष्ट्रीय जाट संसद International Jat Parliament की ओर से यहां टाउन हॉल में रविवार को आयोजित प्रवासी जाट अधिवेशन में जाट समाज ने एकता की हुंकार भरी। वक्ताओं ने शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ ही संस्कृति और सामाजिक ताने-बाने को संरक्षित करने पर जोर दिया।

नशा मुक्त समाज का निर्माण भी आवश्यक
मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि आज समाज के सामाजिक ताने-बाने को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता है। अपने गौरवशाली अतीत को याद करते हुए कौम के महापुरुषों को सम्मान देना चाहिए। उनको याद करते हुए हमें भविष्य की बुनियाद को मजबूत करने के लिए सामाजिक रूप से एकजुट होने की बड़ी जरूरत है। जो कौम अपने इतिहास को भूला देती है, उसका पतन निश्चित है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा और व्यापार की है। हमारे युवाओं को इस ओर ध्यान देना चाहिए। नशा मुक्त समाज का निर्माण भी आवश्यक है।


विशिष्ट अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि हमारा गौरवशाली अतीत रहा है और आज उस अतीत के दम पर ही हम सब सामाजिक, राजनीतिक कार्य कर पा रहे हैं। भविष्य में भी हम सबको मिलकर कौम के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की जरूरत है।

किसान बिरादरी को मजबूत करने की जरूरत
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि आज किसान विरोधियों की हालात बहुत खराब है। इसलिए जाट समाज को भी अपने सामाजिक दायित्व को निभाते हुए किसान बिरादरी को मजबूत करने की जरूरत है।
हरियाणा के विधायक सोमवीर सिंह सांगवान ने कहा कि युवा पीढ़ी को शिक्षित करने से समाज आगे बढ़ेगा। समाज में फैली कुरीतियों को भी मिटाना आवश्यक है।


मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल डूडी ने कहा कि जाट समाज को चार विशेष गुण स्वाभिमान, पुरुषार्थ, चारित्रवान और देशभक्ति विरासत में मिले हैं।


हरियाणा के मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि जाटों का देश को आगे बढ़ानें में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
अखिल भारतीय सर्व जाट समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामसिंह कुल्हरी ने व्यापार में आगे बढऩे के गुर बताए। उन्होनेें कहा कि युवा पीढ़ी को व्यापार में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। व्यापार में आगे बढऩे के लिए सही समय पर सही निर्णय लेना जरूरी है। तेलंगाना जाट समाज के अध्यक्ष दूधाराम बावल ने भी विचार व्यक्त किए।

कौम की एकता के लिए ऐतिहासिक
अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामावतार पलसानियां ने सामाजिक एकता, रोजगार सृजन, कला, शिक्षा व साहित्य की तरफ ध्यान देने की बात कही। उन्होंने जाट इतिहास को पढऩे की जरूरत बताई और कहा कि एक बार फिर से दीनबंधु रहबरे, आजम सर, छोटूराम, चौधरी चरण सिंह, ताऊ देवीलाल की तरह 36 कौम और बिरादरियों का नेतृत्व करते हुए पूरी दुनिया में जाट नेतृत्व का लोहा मनवाने के लिए काम करना होगा।


जाट संसद के संयोजक पीएस कलवानियां ने कहा कि प्रवासी जाट अधिवेशन कौम की एकता के लिए ऐतिहासिक रहा। इसमें दक्षिण भारत के साथ हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में समाज बंधुओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में ही नहीं, दक्षिण भारत में भी जाट समाज की बड़ी संख्या है।

लोगों को करेंगे जागरूक
इस अवसर पर वक्ताओं ने कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, इतिहास और रोजगार सृजन के मुद्दों को लेकर समाज को जागरूक रहने व अपने गौरवशाली अतीत को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। दक्षिण भारत के कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, लक्ष्यदीप, अंडमान-निकोबार दीप समूह, पुड्डुचेरी सहित गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश व पश्चिम बंगाल में रह रहे समाज के लोगों ने अधिवेशन में परंपरागत वेशभूषा में भाग लिया।

जाट प्रतिभाओं का सम्मान
शिक्षा, समाजसेवा, सैन्य सेवा, प्रशासन, वाणिज्य, खेल, विज्ञान, पत्रकारिता, चिकित्सा सहित विशिष्ट क्षेत्रों में समाज का नाम रोशन करने वाली विशिष्ट प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।


जन जागरण अभियान शुरू
समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन और नशा मुक्त समाज की स्थापना के लिए जन जागरण अभियान की शुरुआत अधिवेशन में हुई।