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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडूराव ने सोमवार को राज्य Karnataka विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन में आयुष्मान भारत और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं की दरों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की दरें केंद्र सरकार तय करती है, जबकि यशस्विनी और आरोग्य कर्नाटक जैसी योजनाओं के लिए एचपीबी के अनुसार दरें लागू की गई हैं। वर्तमान दरें कम हैं, लेकिन उसके पीछे वित्तीय कारण जिम्मेदार हैं।
मंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत आरोग्य कर्नाटक योजना (एबी-एआरके) के तहत कुल 1.43 करोड़ परिवारों को लाभ दिया जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार केवल 69 लाख परिवारों के लिए सहायता प्रदान करती है। यदि सरकार औसतन 2,000 रुपए खर्च करती है तो केंद्र सरकार उसमें से मात्र 1,000 रुपए देती है, जबकि भारी हिस्सा राज्य सरकार को वहन करना पड़ता है।
राज्य सरकार कुल 1,800 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। केंद्र सरकार इसमें केवल 450 करोड़ रुपए का योगदान दे रही है। यानी 75 फीसदी खर्च का बोझ राज्य सरकार पर है। दरों में एक बार में बढ़ोतरी करने से राज्य पर तत्काल भारी वित्तीय भार आएगा क्योंकि केंद्र सरकार दरों में बदलाव नहीं कर रही है और पुराने दरों के आधार पर ही अनुदान देती है। कई राज्यों ने भी केंद्र सरकार से अनुदान बढ़ाने की मांग की है। मंत्री ने कहा, मैंने इस विषय पर वित्त विभाग को पत्र लिखा है। केंद्र सरकार चाहे सहायता दे या न दे, हमें समाधान ढूंढना होगा क्योंकि हमारा उद्देश्य गरीब और पात्र मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराना है।
Published on:
09 Dec 2025 04:48 pm
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