देश भक्ति के गीतों पर झूमे युवा
बेंगलूरु. राष्ट्र के लिए समर्पण और एकजुटता की बहुत जरूरत है। अपने राष्ट्र को बचाने के लिए एकजुट हो कर काम करना है, यह काम कोई अकेले या सरकारें नहीं कर सकेगी।
यह बात पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने रविवार को फाउंडेशन इंडिया की ओर से पैलेस ग्राउंड स्थित प्रिंसेस श्राइन सभागार में आयोजित राष्ट्र निर्माण कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि केवल गले में भगवा दुपट्टा पहनने और दीवारों पर जय श्रीराम लिखने से हम हिंदू और सनातनी नहीं हो सकते। हिंदू और सनातनी होने और राष्ट्र के लिए समर्पण और एकजुटता जरूरी है। हमें एकजुटता की जरूरत है। हमें न डरना है और ना किसी को डराना है, हमें केवल अपने मस्तिष्क से डर को निकालना है। उन्होंने कहा कि नेताओं को अपनी वोट बैंक की राजनीति से मतलब है, आपके वोट के लिए आपकी हर बात सुनेंगे लेकिन जीतने के बाद वो आपको दिखेंगे नहीं। 70 सालों से देश में जो राजनीति चलती आ रही है, उसका परिणाम हम सब भुगत चुके हैं। उन्होंने कहा कि मैं पिछले 12 साल से अपनी नौकरी छोड़ कर राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगा हूं, इसका एक ही कारण था कि आने वाला समय बहुत खतरे में है। आप भी अपने शहर में ऐसे कार्यकर्ता बनाएं और अपने शहर-गांव के नेताओं को बताएं कि आप क्या कर रहे हैं। संचालन फाउंडेशन इंडिया के उपाध्यक्ष पारस चोवटिया, हरीश ईश्वर दास, और सचिव संजय गुप्ता ने किया।इससे पहले देश भक्ति के गीतों से हुआ। फाउंडेशन इंडिया के अध्यक्ष विनोद सिंघल ने कुलश्रेष्ठ का स्वागत किया। अग्रवाल समाज विकास ट्रस्ट के चैयरमेन जयप्रकाश गुप्ता, माहेश्वरी कॉपरेटिव बैंक के चैयरमैन नंदकिशोर मालू , पारस चोवटिया, राजाराम भूतड़ा, चंद्रप्रकाश रामसिसरिया, अशोक हिसारिया, मुरारीलाल सरावगी ने उनका स्वागत किया।