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काफी खतरनाक और तेज होता है डेंगू का मच्छर, घातक खूबियों के कारण लोगों पर बरपाता है कहर…

What Is Dengue, Dengue In Rajasthan, Dengue In Banswara : मादा एडीज मच्छर की विशिष्टताएं बनाती हैं इसे घातक

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काफी खतरनाक और तेज होता है डेंगू का मच्छर, घातक खूबियों के कारण लोगों पर बरपाता है कहर...

काफी खतरनाक और तेज होता है डेंगू का मच्छर, घातक खूबियों के कारण लोगों पर बरपाता है कहर...

बांसवाड़ा. डेंगू के वायरस को इधर से उधर ले जाने वाला ‘एडीज’ मच्छर यों ही कहर नहीं ढाता। कुदरत ने इसे अनूठा बनाया है। मलेरिया फैलाने वाले मादा एनोफिलीज की तरह ही एडीज की भी मादा प्रजाति वायरस की संवाहक है। जो लोगों को बीमार करती है। एमएलएसयू के प्राणि विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ आरती प्रसाद बताती हैं कि मलेरिया फैलाने वाले एनोफिलीज मच्छर की अपेक्षा डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर काफी तेज होता है। मलेरिया मच्छर मानव शरीर पर बैठने के बाद 45 डिग्री के एंगल पर काटता है। लेकिन एडीज फ्यूरियस होने के कारण शरीर पर बैठते ही त्वचा में डंक चुभो देता है। ये इतनी तेज रिएक्ट करता है कि जब तक मानव समझ पाए तब तक ये खून चूस चुका होता है। डॉ प्रसाद बताती हैं कि एडीज मच्छर हो या एनोफिलीज दोनों प्रजाति के मादा मच्छर की खून चूसती हैं और बीमारी फैलाती हैं। दोनों प्रजाति के नर खतरनाक नहीं होते। मादा मच्छरों के खून के कारण यह है कि मादा अंडे देने के लिए अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है। जो इन्हें मानक खून से प्राप्त होता है। इस कारण ये खून चूसती हैं और अंडे देती हैं। इसलिए इन्हें खत्म करना ही बचने का बेहतर उपाया है। डॉ प्रसाद बताती हैं कि उनकी और उनकी टीम के द्वारा की गई रिसर्च में सामने आया कि एडीज मच्छर अकल्पनीय स्थानों पर पनप जाता है। मसलन पानी पीने के बाद फेंके गए यूज एंड थ्रो गिलास के बचे पानी में, नारियल के खोल में जमा बारिश के पानी या ओस, किसी बोतल के ढक्कन में जमा पानी सहित ऐसी ढेरों स्थान हैं जहां ये आसानी से पनप जाता है और हम सोच भी नहीं पाते हैं। एडीज मच्छर जमीन से महज तीन फीट ही ऊपर उड़ पाता है। इस कारण इस पर हवा का भी प्रभाव नहीं पड़ता और यह इसके लिए खूबी बन जाती है जो इसे सटीकता और तेजी देती है।

दो से तीन वर्ष तक जीवित रहते हैं अंडे : - डॉ प्रसाद बताती हैं कि इस प्रजाति का मच्छर महज एक चम्मच जितने साफ पानी में भी कुनबा बढ़ा सकता है। इस कारण ही ये तेजी से बढ़ता है। वहीं, मलेरिया फैलाने वाला एनोफिलीज मादा मच्छर इतने कम पानी में नहीं पनप पाता है। दोनों मच्छरों का जीवन चक्र 10-12 दिन के आसपास का ही होता है। डॉ प्रसाद बताती हैं कि भले ही एडीज का जीवन चक्र 10 से 12 दिन के आसपास का हो लेकिन इनके अंडे दो=तीन वर्ष तक जीवित रह सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोग सोचते हैं कि उन्होंने कूलर या अन्य किसी जमा पानी को गिरा दिया। इससे मच्छर खत्म हो गए। लेकिन ऐसा नहीं यदि कूलर में एडीज मच्छर का अंडा है और पानी खाली कर दिया गया है तो भी मच्छर का अंडा खत्म नहीं होगा। वो बिना पानी के दो-तीन वर्ष गुजार देगा। और जैसे ही उसे पानी मिलेगा। वो फिर पनप जाएगा। इसलिए बेहतर है कि ऐसे बर्तनों, कूलर टैंकों का पानी गिराने के बाद उन्हें सिर्फ पोंछ कर ही साफ न करें बल्कि खरोंचकर साफ करें ताकि अंडे खत्म हो जाएं या दवा का छिडक़ाव करें। डॉक्टर बताती हैं कि दरअसल एडीज के द्वारा फैलाया गया वायरस चार श्रेणियों में होता है। यदि किसी व्यक्ति को डेंगू हो गया और वो उपचार के बाद ठीक हो गया तो अब उसे जब दोबारा डेंगू होगा तो वो पहले से ज्यादा खतरनाक होगा। वायरस की यह बात इसे ज्यादा खतरनाक बनाती है।