बांसवाड़ा/जौलाना. जिले में वन विभाग की गढ़ी रैंज के नाका जौलाना के अर्न्तगत माजिया गांव के डेरी महूड़ी क्षेत्र में मंगलवार को एक पैंथर बिना मुंडेर के कुएं में जा गिरा। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची। करीब पांच घंटे के प्रयास के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। बाहर निकालने के बाद वह वन क्षेत्र में चला गया।
जानकारी के अनुसार पैंथर खातु कटारा निवासी माजिया के कुएं में गिरा। आसपास निवासरत ग्रामीणों के अनुसार तड़के कुएं में किसी के गिरने की आवाज आई थी। सुबह उजाला होने पर कुएं में देखा तो एक छोर पर पैंथर बैठा था और दूसरे छोर पर बिल्ली भी थी। इससे अनुमान लगाया कि बिल्ली को शिकार बनाने के प्रयास में पैंथर कुएं में जा गिरा। इधर, कुएं में पैंथर गिरने की जानकारी फैलने पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। सूचना पर क्षेत्रीय वन अधिकारी कुलदीपसिंह चौहान, गश्ती दल क्षेत्रीय वन अधिकारी राजेन्द्रसिंह राठौड़, गढ़ी उपाधीक्षक सुदर्शन पालीवाल, अरथूना थानाप्रभारी नरेंद्रसिंह भाटी भी मौके पर पहुंचे। गढ़ी रैंजर की सूचना पर सहायक वन संरक्षक गोविन्द सिंह खींची ने तुरंत बांसवाड़ा से गश्ती दल स्टाफ एवं ट्रेंक्यूलाइज करने के विशेषज्ञ विष्णुसिंह चौहान को मौके पर भेजा।
तीन बार कुएं में पुन: कूदा
वन विभाग की टीम ने पैंथर को बाहर निकालने के लिए रस्सी से खाट कुएं के अंदर उतारा। पैंथर खाट पर भी बैठ गया, किंतु ऊपर से जैसे ही मजबूत जाल डाला, वह पानी में कूद गया। इसके बाद दो बार रस्सी का फंदा बना कर उसे बाहर निकालने की कोशिश की, किंतु वह दोनों बार पानी में कूद पड़ा। काफी प्रयासों के बाद पैंथर को पकड़ने में सफलता मिली। वनकर्मियों ने आसपास एकत्र लोगों को दूर भेजा। इसके बाद कुएं से पैंथर को बाहर निकाला और जाल को एक छोर से खोला। कुछ ही देर में पैंथर जाल से निकलकर वन क्षेत्र की ओर चला गया। टीम ने कुएं से बिल्ली को भी बाहर निकाला।
ग्रामीणों में भय
इधर, आबादी क्षेत्र में पैंथर आने के बाद ग्रामीणों में भय है। ग्रामीणों ने बताया कि पैंथर के आने से जंगल से सटे आबादी क्षेत्र में डर का माहौल बन गया है।