बाराबंकी. बाराबंकी में एक फौजी के साथ जो हो रहा है वह लोगों की गलत मानसिकता को दर्शाता है। यहाँ एक फौजी अपने पुराने घर को तोड़ कर उसका नवीनीकरण करा रहा था, मगर समाज के जिम्मेदार लोग उसका घर बनने नहीं दे रहे हैं। अब फौजी जिले के अधिकारीयों के पास दौड़ लगाता फिर रहा है। बाराबंकी के जिलाधिकारी ने फौजी को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
बाराबंकी की फतेहपुर तहसील के गाँव पैना टीकरहार का रहने वाले युवक अमरेन्द्र सिंह को भारतीय सेना में नौकरी मिली तो उसके अरमानों को जैसे पंख लग गए। उसकी आर्थिक स्थिति थोड़ी ठीक हुई तो उसने अपने पुराने पैतृक आवास का नवीनीकरण कराने के लिए उसे तोड़ने शुरू कर दिया। तोड़ता देख कर गाँव के लोग इसके विरोध में आ गए और घर बनने से रोक दिया। फौजी अमरेन्द्र जो पंजाब में तैनात है को बार-बार छुट्टी लेकर मामले की गुहार लगाने आना पड़ता है जो बड़ी मुश्किल से मिलती है | फौजी की यह परेशानी देख कर भी जिले के अधिकारीयों का दिल नहीं पसीजा और मामले का निपटारे पर गम्भीरता नहीं दिखाई |
आज तहसील दिवस में पहुँच कर उसने फिर एक बार गुहार लगायी है और कहा कि बार – बार छुट्टी नहीं मिलती है, लेकिन सेना के अधिकारीयों की काफी मिन्नते करने के बाद बड़ी मुश्किल से छुट्टी मिलती है| यहाँ आकर वह बार – बार अधिकारीयों से मिलते हैं, मगर अभी तक कुछ हल नहीं निकल पाया है| उसे अब समझ नहीं आ रहा कि आखिर वह देश की सेवा करे या अपना घर देखे।
इस बारे में बाराबंकी के जिलाधिकारी डाक्टर आदर्श सिंह ने बताया कि हाँ सेना के एक सैनिक ने प्राथना पत्र दिया है और उन्हें पता है कि सेना में छुट्टी मिलना कितना दुष्कर होता है और बड़ी विषम परिस्थियों में ही छुट्टी मिल पाती है | इसके प्रार्थना पत्र के पते टीम भेज कर जांच करवाई जाएगी और न्यायोचित कार्यवाई करवाई जायेगी।