बाराबंकी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान हनुमान जी की जाति को लेकर बयान क्या दिया, उसके बाद तमाम नेताओं में मानो हनुमान जी की जाति बताने की होड़ सी लग गई है। नेता उल्टी-सीधी बयान बाजी कर अजीबो-गरीब तर्क देने में जुटे हैं। हाल ही में भाजपा के एमएलसी बुक्कल नवाब का बयान इसका जीता-जागता उदाहरण है। बुक्कल नवाब के बयान देते ही यूपी सरकार में मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने भी विधान परिषद में हनुमान जी को जाट बताया है। वहीं इन तमाम बयानबाजी को मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव ने गलत बताया है। उनका कहना है कि धार्मिक बातों को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।
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धार्मिक बातों को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए-
एक निजी स्कूल के कार्यक्रम में शिरकत करने बाराबंकी पहुंची अपर्णा यादव से जब हनुमान जी की जाति पर हो रही बयानबाजी पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि धार्मिक बातों को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। क्योंकि धर्म हर इंसान की स्वेच्छा पर निर्भर करता है। हर इंसान को इबादत करने की आजादी होनी चाहिए। धर्म के राजनीतिकरण की कोई आवश्यकता नहीं है। वहीं राम मंदिर के सवाल पर अपर्णा ने कहा कि जैसा सुप्रीम कोर्ट आदेश दे उसी के मुताबिक काम होना चाहिए। राम मंदिर बनना औऱ न बनना इसको लेकर सियासत नहीं करनी चाहिए।
शिवपाल को मिला ऑफर तो होंगे गठबंधन में शामिल-
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा गठबंधन के सवाल पर मुलायम की छोटी बहू का कहना है कि अगर दोनों का गठबंधन हो जाए तो बहुत अच्छी बात है। क्योंकि पिछले काफी समय से दोनों ही पार्टियां गठबंधन के लिए कोशिश कर रही हैं, लेकिन उसका कोई असर होता नहीं दिख रहा। वहीं चाचा शिवपाल के गठबंधन में शामिल होने पर अपर्णा ने कहा कि अगर उनके पास दोनों की तरफ से कोई ऑफर आता है तो वह इसे जरूर स्वीकार करेंगे। क्योंकि चाचा जी पहले भी कह चुके हैं कि गठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार हैं। गठबंधन की शर्तों पर ऑफर आने के बाद में चर्चा की जाएगी।
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अखिलेश से नाराजगी के सवाल पर कहा यह-
अखिलेश यादव से नाराजगी की बात से इनकार करते हुए अपर्णा यादव ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। अपर्णा ने कहा कि उनकी सपा से कोई दूरी नहीं और वह आज भी उसकी मेंबर हैं। शिवपाल के साथ मैं इसलिए नजर आती हूं, क्योंकि वह हमारे परिवार के बड़े हैं और मैं उनकी बहुत इज्जत करती हूं। मेरे मन में किसी के प्रति कोई खटास नहीं है। वहीं जब उनसे पूछा गया कि वह शिवपाल के साथ हैं या अखिलेश के खेमे में, तो उन्होंने बड़ी चतुराई से जवाब देते हुए कहा कि वह नेताजी के साथ हैं। मैंने नेताजी के साथ हमेशा मंच साझा किया है। नेताजी के आशीर्वाद के चलते ही मैं राजनीति में आई हूं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह का समीकरण बनेगा, उसको देखते हुए वहा चुनाव लड़ने की रणनीति के बारे में ऐलान करेंगी।
मैं ब्रिज का काम करती हूं-
अपर्णा ने आगे कहा कि नेताजी किसके साथ हैं, यह उन्होंने अभी तक किसी को नहीं बताया। लेकिन उनका आशीर्वाद दोनों के साथ है। यादव परिवार की एकता के सवाल पर अपर्णा ने कहा कि हम हमेशा यही चाहते हैं कि सभी एकजुट रहें। विचारधारा अलग होने के चलते चाचा जी ने अलग पार्टी बनाई है। हमारे लिए परिवार हमेशा एक है और मैं उसमें ब्रिज का काम करती हूं। मुझे जो सही लगेगा, सही समय आने पर वही करूंगी। मुझे पार्टी से चाचा जी के अलग होने का दुख है।