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टीले से जमा किए प्राचीन मृदा पात्र, कार्बन डेङ्क्षटग करवाएंगे

भारतीय सांस्कृतिक निधि वराह नगरी बारां अध्याय की ओर से जिले की उपेक्षित धरोहरों की ओर जन साधारण का ध्यान आकर्षित कर इतिहास और संस्कृति, पुरातत्व से परिचित कराने के तहत विरासत यात्रा निकाली जा रही है।

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टीले से जमा किए प्राचीन मृदा पात्र, कार्बन डेङ्क्षटग करवाएंगे

टीले से जमा किए प्राचीन मृदा पात्र, कार्बन डेङ्क्षटग करवाएंगे

बारां . भारतीय सांस्कृतिक निधि वराह नगरी बारां अध्याय की ओर से जिले की उपेक्षित धरोहरों की ओर जन साधारण का ध्यान आकर्षित कर इतिहास और संस्कृति, पुरातत्व से परिचित कराने के तहत विरासत यात्रा निकाली जा रही है। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम है। ये विचार विधायक राधेश्याम बैरवा ने इंटेक की ओर से आयोजित बारां से कुंजेड़ विरासत यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते समय व्यक्त किए। पंचफल बायो बोटेनिकल गार्डन के अवलोकन के बाद 25 सदस्यीय विरासत यात्रा गांव के किनारे नदी की तलहटी के पास स्थित प्राचीन पुरासम्पदा और ऐतिहासिक महत्व वाले टीले पर पहुंची। वहां से कुछ स्थानों की खुदाई कर मिट्टी के बने प्राचीन मृदा पात्रों को एकत्रित किया जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण कार्य था।इंटेक कन्वीनर जितेंद्र शर्मा ने बताया कि इन मिट्टी से बने प्राचीन मृदा पात्रों को इंटेक केन्द्रीय कार्यालय भिजवाया जाएगा, जहां से इनकी आयु ज्ञात करने के लिए कार्बन डेङ्क्षटग करवाई जायेगी। कार्बन डेङ्क्षटग से मिले परिणामों के आधार पर ही निर्भर करेगा कि यह पुरासम्पदा कितने वर्ष पुरानी है। उसके बाद ही आगे के कदम उठाए जाएंगे।
इंटेक एडवायजरी कमेटी के चेयरमैन विष्णु साबू ने कहा कि विधायक द्वारा उत्साहवर्धन से संस्था के सदस्यों का मनोबल बढ़ा है। कुंजेड से एक नई सभ्यता और संस्कृति के उजागर होने की संभावना है। इंटेक इस प्रयास को पूरा करके रहेगी। विरासत यात्रा का कुंजेड पहुंचने पर प्रशांत पाटनी ने पंचफल बायो बॉटेनिकल उद्यान में स्वागत किया। पर्यावरण संरक्षण से जुड़े प्रशान्त पाटनी ने उद्यान भ्रमण के बाद आयोजित इंटेक की वार्षिक बैठक में कहा कि 200 बीघा भूमि पर कब्जा हटाकर यहां हरे फलदार वृक्ष, फूलों वाले पौधे और आक्सीजन देने वाले 25000 वृक्ष लगाए गए हैं। इससे आसपास के वातावरण में ऑक्सीजन का प्रतिशत बढ़ा है। वार्षिक बैठक में अध्यक्षता करते हुए विष्णु साबू ने कहा कि बायो बॉटेनिकल गार्डन हाड़ौती क्षेत्र में अपना अहम स्थान रखता है। इसमें पर्यावरण, जैव विविधता और उसके महत्व के सभी तत्व मौजूद हैं।
ढेरों हैं यहां पुरा संपदा
इंटेक एडिशनल कन्वीनर जगदीश शर्मा और सचिव चंद्र शेखर ने बताया कि यहां प्राचीन पुरा सम्पदा का अतुलित भंडार है। कुण्ड, गढ़ और मंदिर प्राचीन वैभव की कहानी कहते हैं। इंटेक लेडी ङ्क्षवग चेयरमैन नीता शर्मा,मधुबाला जैन, भगवती शर्मा ने केंद्रीय कार्यालय नई दिल्ली द्वारा दिए जाने वाले राष्ट्रीय स्तर के अनिरुद्ध भार्गव पर्यावरण पुरस्कार के प्रशान्त पाटनी का नाम भेजे जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। अंत में मांगरोल इंटेक को कन्वीनर रामदास शर्मा ने सभी का आभार प्रकट किया।