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जिले में स्थानीय और बनास की अवैध बजरी का हो रहा बेरोकटोक कारोबार

जिले में लाख प्रयास के बावजूद भी अवैध बजरी के कारोबार पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिले में जहां स्थानीय बजरी का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। वहीं दूसरी ओर बनास की बजरी का भी बिना रॉयल्टी के ओवरलोड कारोबार किया जा रहा है।

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बारां

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Mukesh Gaur

Apr 04, 2025

जिले में लाख प्रयास के बावजूद भी अवैध बजरी के कारोबार पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिले में जहां स्थानीय बजरी का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। वहीं दूसरी ओर बनास की बजरी का भी बिना रॉयल्टी के ओवरलोड कारोबार किया जा रहा है।

जिले में लाख प्रयास के बावजूद भी अवैध बजरी के कारोबार पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिले में जहां स्थानीय बजरी का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। वहीं दूसरी ओर बनास की बजरी का भी बिना रॉयल्टी के ओवरलोड कारोबार किया जा रहा है।

बारां. जिले में लाख प्रयास के बावजूद भी अवैध बजरी के कारोबार पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिले में जहां स्थानीय बजरी का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। वहीं दूसरी ओर बनास की बजरी का भी बिना रॉयल्टी के ओवरलोड कारोबार किया जा रहा है।

जिले में अवैध पत्थर व बजरी खनन को लेकर गत दिनो विधानसभा में भी छबड़ा क्षेत्र के विधायक प्रताप ङ्क्षसह ङ्क्षसघवी ने भी मुद्दा उठाया था। लेकिन अवैध खनन व परिवहन पर सार्थक रोक नही लग पा रही है।

जिले में बजरी की दो व 50 पत्थर की लीज

खनन विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में अधिकृत रुप से पत्थर की करीब 50 से अधिक लीज है। वही बजरी की महज दो लीज मिली हुई है। जिसमें एक मांगरोल क्षेत्र तथा दूसरी किशनगंज क्षेत्र में है। इसके तहत पार्वती नदी के पेटे से बजरी निकाली जाती है।

बनास नदी की रेत का बढ़ गया कारोबार

जिले में स्थानीय बजरी के साथ ही बनास की रेत भी बड़े पैमाने पर अवैध रुप से लाई जाती है। सूत्रों ने बताया कि बनास रेत के एक दिन छोडकऱ दूसरे दिन करीब 10 से 15 डम्पर बजरी अवैध रुप से पहुंच रही है। अधिकतर बजरी माधोपुर क्षेत्र से आती है। जो कि ओवरलोड 65 से 70 टन प्रति डम्पर में होती है। लेकिन विभागीय कार्रवाई नही हो पाती है।

मार्ग में हंै कई थाने

माधोपुर से लाई जाने वाली बनास रेत के मार्ग में कई थाने पड़ते है। लेकिन कहीं भी जांच कार्रवाई नही होती है। जिले के कई स्थानों पर बजरी के स्टॉक भी बने हुए हैं। जहां से ट्रैक्टर ट्रॉलियों के माध्यम से बजरी सप्लाई की जाती है। सूत्रों ने बताया कि जिले के सीसवाली क्षेत्र में भी कई स्थानों पर बनास की बजरी के स्टॉक हैं।

इतनी बनती है रायल्टी

यदि वैधरुप से अण्डर लोड बजरी लाई जाती है तो 35 से 40 टन बजरी आती है। इस पर भी 20 से 22 हजार रुपए की रायल्टी बनती है। लेकिन अवैध रुप से ओवरलोड करीब 65 से 70 टन तक बजरी लाई जाती है। जिस पर करीब 25 से 30 हजार रुपए की रॉयल्टी बनती है। यदि कार्रवाई होती है तो लाखों रुपए का जुर्माना बनता है।

जिले में भी हो रहा स्थानीय बजरी का अवैध खनन

जिले में अधिकृत बजरी खनन स्पॉट के अलावा अवैध बजरी का खनन भी बड़े पैमाने पर होता है। पार्वती तथा परवन नदी में से अवैध खनन किया जाता है। गत दिनों कोटड़ी सुण्डा के समीप खनन विभाग की कोटा टीम ने कार्रवाई को अंजाम देते हुए दो ट्रैक्टर ट्रॉली अवैध बजरी को जब्त कर जुर्माना लगाया था। उल्लेखनीय है कि जिले से होकर तीन बड़ी नदियां बहती हैं। कालीसिंध, परवन और पार्वती, इनमें भी बड़ी संख्या में अवैध खनन हो रहा है।

ऐसा प्रकरण कोई सामने आया नही है। नियमित चेकिंग की जाती है। फिर भी यदि जांच करवाएंगे कही स्टॉक मिले या ट्रोले तो कार्रवाई की जाएगी।

भंवरलाल लबाना, एएमई खनन विभाग बारां