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पुलिस ने पालिका से मांगे रिकॉर्ड, आईपी एड्रेस से खुलेगा मामला

नगर पालिका में वैसे तो आएदिन भ्रष्टाचार की शिकायतें आती रहती हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि पालिका के पीडी खाते से 44 लाख रुपए का गबन हुआ। कस्बे में शुक्रवार को दिनभर इसकी ही चर्चा होती रही।

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पुलिस ने पालिका से मांगे रिकॉर्ड, आईपी एड्रेस से खुलेगा मामला

पुलिस ने पालिका से मांगे रिकॉर्ड, आईपी एड्रेस से खुलेगा मामला

छबड़ा. नगर पालिका में वैसे तो आएदिन भ्रष्टाचार की शिकायतें आती रहती हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि पालिका के पीडी खाते से 44 लाख रुपए का गबन हुआ। कस्बे में शुक्रवार को दिनभर इसकी ही चर्चा होती रही। आनन-फानन में ईओ ने संविदा कर्मियों के विरूद्ध मामला दर्ज करवा दिया, परंतु, वास्तविकता तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगी।
उल्लेखनीय है कि जून 2023 में भी नगर पालिका के एक सफाई कर्मी के वेतन निधि बैंक खाते में मासिक वेतन नही पहुंचने पर बैंक रेकॉर्ड जांचने पर उक्त कर्मचारी के बैंक खाते के स्थान पर मकराना के व्यक्ति के बैंक खाते में राशि चले जाने की जानकारी मिली थी। सीआई राजेश खटाना ने बताया कि पालिका से रिकॉर्ड तलब किया जा रहा है। पालिका ने उन्हें आईपी एड्रेस नहीं दिया है। इसके बाद ही मामले की जांच की जाएगी। उधर, पालिका खाते से 44 लाख के गबन का मामला पुलिस थाना छबड़ा में दर्ज होने के बावजूद जिम्मेदार कार्मिक पालिका में कार्य कर रहे हैं। पार्षद विपिन शर्मा ने एसडीएम को पत्र सौंपकर मामले की जांच होने तक संबंधित ऑपरेटरों को हटाने व दस्तावेज सीज करने की मांग की है। पालिका में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर हरिशंकर शर्मा ने बताया कि पालिका में ईओ द्वारा डीएससी का प्रभारी कैलाश जोशी व सहायक प्रभारी धनराज को दिया गया है।
डीएससी से संबंधित कोई भी कार्य होता है तो संबंधित प्रभारी डीएससी लेकर आता है। तभी प्रभारी की उपस्थिति में डीएससी का उपयोग किया जाता हैं। उनके पास कभी भी डीएससी नही रही हैं और न ही उन्होंने आज तक ग्रेच्युटी से संबंधित कोई बिल बनाए हैं। इस मामले में सरकारी कर्मचारियों को बचाने के उद्देश्य से उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया है। पालिका के खाते से 28 जून को जयपुर के सुनील वर्मा के खाते में लगभग 44 लाख का भुगतान हो गया। इस संबंध में पालिका प्रशासन को तो कोई जानकारी नही थीं। वहीं, खाताधारक सुनील वर्मा ने भी उनके खाते में इतनी बड़ी राशि के भुगतान के संबंध में पालिका में कोई जानकारी नहीं दी और वर्मा ने खाते से संपूर्ण राशि निकाल ली।