
बरेली। एडवोकेट महजबीन की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस की सुस्त कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को अधिवक्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। न्याय की मांग को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता अच्छन अंसारी दर्जनों वकीलों और परिजनों के साथ कलेक्ट्रेट के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। अधिवक्ताओं ने साफ कहा कि जब तक महजबीन हत्याकांड के सभी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
अधिवक्ता अच्छन अंसारी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मामले में मृतका के पति तलहा और सास असमा सकलैनी को तो जेल भेज दिया गया, लेकिन अन्य नामजद आरोपी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। यह न सिर्फ पीड़ित परिवार के साथ अन्याय है, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि परिजन लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, इसके बावजूद पुलिस जानबूझकर कार्रवाई से बच रही है।
भूख हड़ताल पर बैठे अधिवक्ताओं ने प्रशासन को चेताया कि यदि जल्द शेष आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। वकीलों का कहना है कि जब एक अधिवक्ता की बेटी को न्याय नहीं मिल पा रहा है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। कलेक्ट्रेट के बाहर बैठे अधिवक्ताओं और परिजनों का साफ कहना है कि अगर पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो यह लड़ाई सड़कों से लेकर अदालत तक लड़ी जाएगी। न्याय की इस जंग में अब बरेली के अधिवक्ता पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
27 नवंबर को जज की वकील भतीजी महजबीन की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मामले में थाना प्रेमनगर पुलिस ने 30 नवंबर को पति तलहा और सास असमा सकलैनी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। सहसवानी टोला निवासी अधिवक्ता महजबीन का निकाह इसी साल फरवरी में प्रेमनगर के शाहबाद निवासी तलहा से हुआ था। परिजनों का आरोप है कि शादी के कुछ ही महीनों बाद से महजबीन को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। पति और सास कार और अन्य महंगे सामान की मांग कर रहे थे। 27 नवंबर को दहेज की भूख ने एक और बेटी की जान ले ली। महजबीन के पिता हाशिम अंसारी ने प्रेमनगर थाने में पति तलहा समेत आठ लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
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Updated on:
22 Dec 2025 04:19 pm
Published on:
22 Dec 2025 04:18 pm
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