
बरेली। शासन की आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को मुफ्त इलाज की सुविधा सुनिश्चित की गई है, लेकिन बरेली के अल हिंद अस्पताल में इस योजना की गंभीर अनदेखी सामने आई है।
यहां एक मरीज से 53 हजार रुपये नकद वसूलने, आयुष्मान पोर्टल पर देरी से नाम दर्ज करने और बिना पंजीकरण के इलाज करने जैसे गंभीर आरोप सिद्ध हुए हैं। अब सीएमओ कार्यालय की रिपोर्ट के बाद अस्पताल पर सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है।
भुता क्षेत्र के भगवंतपुर निवासी शमशुल हसन को गंभीर हालत में 8 जून को अल हिंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शमशुल पहले से ही आयुष्मान योजना के लाभार्थी थे, इसकी जानकारी परिजनों ने भर्ती के समय ही अस्पताल प्रशासन को दे दी थी। इसके बावजूद अस्पताल ने मरीज से 53 हजार रुपये नकद वसूल लिए।
हैरत की बात यह है कि अस्पताल ने मरीज का नाम 12 जून को पोर्टल पर दर्ज किया, जबकि नियमानुसार यह काम भर्ती के समय ही किया जाना था। तब तक अस्पताल नकद पूरी राशि वसूल चुका था।
जांच में हुए कई बड़े खुलासे, पंजीकरण भी मिला समाप्त
मामले की शिकायत मरीज के परिजनों ने सीएमओ कार्यालय में की, जिसके बाद एसीएमओ डॉ. राकेश की अगुवाई में एक जांच बोर्ड गठित किया गया। जांच में पाया गया कि:
इलाज के दौरान अस्पताल का पंजीकरण समाप्त था। यह 31 मार्च 2025 को एक्सपायर हो चुका था और 27 जून 2025 को नवीनीकरण कराया गया।
यानी 1 अप्रैल से 26 जून तक अस्पताल ने बिना वैध पंजीकरण के इलाज किया और कई आयुष्मान मरीजों का क्लेम भी भेजा।
जांच टीम को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी प्राप्त हुई जिसमें मरीज के परिजन कार्ड लगाने की गुहार कर रहे हैं, जबकि अस्पताल स्टाफ उनसे नकद भुगतान की मांग कर रहा है।
सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने कहा कि "आयुष्मान योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य है। अल हिंद अस्पताल में पात्र मरीज से पैसे वसूलने, गलत इलाज और नियमों के उल्लंघन के आरोप सही पाए गए हैं। अब अस्पताल से वसूली कराई जाएगी और नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
Published on:
16 Jul 2025 08:53 am
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