इसी बीच अखबार के माध्यम से उन्हें एक पर्चा मिला, जिसमें बेटा पैदा होने का शर्तिया इलाज बताया गया था। पर्चा राजेन्द्रनगर के तांत्रिक आरके शास्त्री का था। बेटे की चाह में हरविंदर ने तांत्रिक से सम्पर्क किया और उसके झांसे में आकर उसने तांत्रिक को 50 तोला सोना, हीरे के जेवर और पांच हजार रूपये नगद दे दिए।