घटनाक्रम के अनुसार आवंला गांव के एक किसान की बेटी आठ अप्रैल नाटकीय ढंग से लापता हो गई थी। काफी तलाश की गई लेकिन लड़की का कोई पता नहीं चला। थक हारकर पिता को पुलिस से आस जगी और वह पुलिस चौकी पहुंचा। चौकी प्रभारी दरोगा ने लड़की के पिता को भला-बुरा कहा और लड़की के चरित्र पर टिप्पणी करते हुए पिता को अपमानित कर वापस भेज दिया। इस घटना से लड़की का पिता इतना आहत हुआ कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले किसान ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा जिसमें उसने पुलिस की अभद्रता के बारे में भी लिखा।
ग्रामीणों के मुताबिक जब इस बात का पता पुलिस को चला तो चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और सुसाइड पढा। सुसाइड नोट में जब दरोगा ने अपना नाम पढ़ा तो उसे फाड़ दिया। पुलिस की इस हरकत पर ग्रामीण गुस्सा हो गए और गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस bareilly police को घेर लिया। इस तरह गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपी चौकी इंचार्ज को बंधक बना लिया। दरोगा को बंधक बनाए जाने की सूचना मिलने पर चौकी से अन्य पुलिसकर्मी गांव पहुंचे और दरोगा को छुड़ाने की कोशिश की तो गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस को पीट दिया पथराव कर दिया। इस हमले में दो पुलिसकर्मी चोटिल हो गए।
ग्रामीणों के अनुसार किसान ने अपने सुसाइड नोट में दरोगा पर रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया। जब पुलिस पर हमले की खबर मिली तो एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल गांव पहुंचे और किसी तरह ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत किया। एसपी ने भरोसा दिलाया कि चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। क्षेत्रीय विधायक धर्मपाल सिंह भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हो सका।