उत्तर प्रदेश में आगामी कांवड़ यात्रा और मोहर्रम को लेकर शासन-प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। योगी सरकार ने इन पर्वों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने और असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश जारी किए हैं। इसी कड़ी में, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने इन दोनों आयोजनों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि शासनादेश का पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, और नियमों के विपरीत जाकर दबाव बनाने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए मौलाना तौकीर रजा खान ने चिंता व्यक्त की कि शासनादेश का पालन एकतरफा हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई जगहों से उनके पास शिकायतें आई हैं कि लोगों पर जबरन दबाव डाला जा रहा है और उनसे जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पुलिस का भय बनाया जा रहा है। यह कहा जा रहा है कि अगर दस्तखत नहीं करोगे तो क्या तुम बरेली को संभल बनाना चाहते हो?'
मौलाना खान ने साफ शब्दों में कहा कि अगर किसी पर दबाव बनाकर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाए जाते हैं, तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शासन को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि ये अधिकारी न केवल कांवड़ यात्रा और मोहर्रम में 'नई परंपरा डालने' का काम करते हैं, बल्कि वे सरकार के आदेश की अवहेलना और उल्लंघन भी करते हैं। उनके अनुसार, ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई बेहद जरूरी है।
उन्होंने आगे कहा कि कानून किसी एक के लिए नहीं है, बल्कि यह सबके लिए बराबर है। शासनादेश स्पष्ट है कि "नई परंपरा" नहीं डालने दी जाएगी, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान। मौलाना तौकीर रजा खान ने चेतावनी दी कि अगर नई परंपरा डालने में पुलिस या शासन का सहयोग पाया जाता है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि 11 जुलाई से 9 अगस्त तक हिंदू श्रावण मास मनाया जाएगा। इस दौरान कांवड़ यात्रा, श्रावणी शिवरात्रि, नाग पंचमी और रक्षा बंधन जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे। इसी अवधि के बीच मुहर्रम भी पड़ने की उम्मीद है, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की चुनौती और बढ़ जाती है।
Updated on:
05 Jul 2025 11:49 am
Published on:
05 Jul 2025 11:48 am