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शाहजहांपुर में मिले हड़प्पा काल के 200 से अधिक प्राचीन हथियार, हंगरी में करवाया अध्ययन

बरेली। शाहजहांपुर जिले के निगोही में हड़प्पा काल के 200 से अधिक प्राचीन हथियार मिले है। इन हथियार तिथियों का अध्ययन भारत में नहीं होता है इसलिए इनका अध्ययन हंगरी में करवाया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में ऐसा पहली बार हुआ है, जब ताम्रयुगीन सभ्यता के हथियारों की रेडियोकार्बन तिथियां प्राप्त हुई हैं।

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पांच हजार साल पुराने है हथियार

ये हथियार 1600- 2400 ईसा पूर्व (हड़प्पा काल) के बताए जा रहे हैं। निगोही में मिले हथियारों की संख्या 200 से अधिक है। इनमें तलवारें के अलावा भाले, कुल्हाड़ियां, छेनी, हस्तरक्षा कवच, चापर, चाकू, आरी आदि शामिल हैं। पूर्व में इस प्रकार के हथियार पूरे उत्तर भारत में पाए गए थे, लेकिन इनकी सही तिथियां अभी तक प्राप्त नहीं की जा सकी थीं।

मिट्टी के टुकड़ों व कुछ हथियारों का किया अध्ययन

लखनऊ के इंडियन जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजी, बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइंसेज और शहजाद राय रिसर्च इंस्टीट्यूट बागपत की ओर से किए गए शोध में बताया गया कि अध्ययन में इन अवशेषों की कार्बन तिथियां 3610 (कैलिब्रेटेड बीपी) से लेकर 4328 (कैलिब्रेटेड बीपी) तक पाई गईं। शहजाद इंस्टीट्यूट के निदेशक अमित राय जैन ने बताया कि निगोही क्षेत्र में जमीन में दबे तांबे के प्राचीन हथियार कुछ साल पहले मिले थे। उन्हें एकत्र किया गया। इंडियन जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजी के पूर्व डीजीपी विजय कुमार ने मिट्टी के टुकड़ों व कुछ हथियारों का अध्ययन किया।


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