शाही में रसूलिया गांव की रहने वाली उषा देवी पत्नी महेंद्र पाल ने बताया कि 30 नवंबर 2022 को बुलंदशहर के थाना स्याना में उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी । इसमें पुलिस ने उनके बेटे को पकड़ लिया। उन्होंने इस मामले में ममता गंगवार पत्नी ओमप्रकाश गंगवार निवासी पस्तौर हाल निवासी मोहल्ला लोधी नगर कस्बा थाना फतेहगंज पश्चिमी से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि वह 10 लाख रुपये लेकर सौरभ को मुकदमे से निकलवा देंगे। इसके बाद 2 दिसंबर 2022 को नई बस्ती के रहने वाले मुकेश बाबू और राजेंद्र पाल सिंह के समक्ष ऊषा ने ममता गंगवार को छह लाख रुपये दिये।
छह लाख देने के बावजूद उनके बेटे सौरभ के खिलाफ मुकदमा खत्म नहीं हुआ। उषा ने अपने बेटे की जमानत कराई। जमानत कराने के बाद उन्होंने ममता गंगवार से छह लाख रुपये वापस मांगे। जिस पर वह आश्वासन देती रही कि रुपये वापस कर देंगे। इसके बाद उन्होंने धमकी देना शुरू कर दिया। इसकी शिकायत भाजपा के नेताओं से भी की गई, लेकिन उन्होंने रुपये वापस नहीं किये। कहा कि सौरभ समेत पूरे परिवार को गैंगस्टर और दुष्कर्म के मुकदमे में जेल भिजवा दूंगी। मैं भाजपा की जिला पंचायत सदस्य हूं। मामले की शिकायत उषा ने सोमवार को एडीजी जोन रमित शर्मा से की है । उन्होंने मामले में जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
भाजपा जिला पंचायत सदस्य ममता गंगवार पिछले दिनों लोकसभा के टिकट बंटवारे के दौरान भाजपा के पूर्व सांसद संतोष गंगवार के घर के सामने प्रदर्शन को लेकर चर्चा में आईं थीं। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत कई बड़े नेताओं का घेराव किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि बरेली के आठ बार के सांसद संतोष गंगवार को भाजपा टिकट नहीं देगी तो कुर्मी समुदाय भाजपा से किनारा कर लेगा। इसके बाद वह कई दिनों तक चर्चा में थी। पार्टी के एक नेता और वर्ग विशेष के लोगों पर भी उन्होंने टिप्पणी की थी।