अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की नई चेयरपर्सन श्रुति गंगवार ने कहा कि इससे पूर्व उनकी मां सौभाग्य गंगवार चेयरपर्सन थीं। अत्यंत भावुक क्षणों में उन्हें नई जिम्मेदारी मिल रही है। उन्होंने कहा कि बैंक की उन्नति ही मेरा मिशन है। यही मेरी मां को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अर्बन कोऑपरेटिव बैंक यूपी और उत्तराखंड में शाखाएं हैं। हाल ही में वह उत्तराखंड के किच्छा में नई शाखा खोल रहे हैं। कंप्यूटरीकृत बैंक जल्द ही मुरादाबाद समेत दो मंडलों में भी अपनी ब्रांच खोलने की तैयारी कर रहा है।
श्रुति गंगवार ने मंगलवार को अपनी मां सौभाग्य गंगवार की विरासत संभाल ली। सौभाग्य गंगवार ही इससे पूर्व अर्बन कोआपरेटिव बैँक की चेयरपर्सन थीं। श्रुति के अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठते ही सियासी माहौल में राजनीतिक तड़का लग गया है। राजनीतिक प्लेटफार्म श्रुति गंगवार के लिये तैयार हो रहा है। राजनीतिक पंडितों की माने तो जिले की दो विधानसभाएं उनके लिये काफी मुफीद हैं। जातिगत समीकरणों के हिसाब से बरेली लोकसभा की एक विधानसभा श्रुति गंगवार की राजनीतिक पगडंडी के लिये आसान है। जिस पर सवार होकर वह विधानसभा पहुंच सकती हैं। वहां उनके पिता झारखंड के महामहिम संतोष गंगवार के खासे विश्वासपात्र लोग भी हैं। यदि उनका ख्वाब लखनऊ नहीं दिल्ली है तो दिल्ली अभी दूर है।
श्रुति गंगवार के चेयरपर्सन चुने जाने के संबंध में डीएम की चिट्ठी मंगलवार दोपहर को पहुंची। इससे पहले ही शहर में उनके चेयरपर्सन बनने के बधाई संदेश वाले होर्डिंग हर जगह लग गये। श्रुति गंगवार ने अपनी बैंक की उपलब्धियों के बारे में बताया। मंगलवार को अर्बन कोआपरेटिव बैंक सभागार में 13 निदेशकों के मंडल ने उन्हें चेयरपर्सन चुना। आईआईटी पासआउट श्रुति गंगवार पिछले कई सालों से अपने पिता और झारखंड के महामहिम संतोष गंगवार के साथ राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में अपनी सक्रिय सहभागिता निभा रहीं थीं। इस दौरान उपाध्यक्ष परमजीत सिंह ओबेरॉय, प्रबंध निदेशक श्रीपाल कश्यप, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह गंगवार, सुबोध सचान, बैंक संचालक राम औतार खंडेलवाल, डॉक्टर प्रमोद कुमार सक्सेना, डॉक्टर सुरेश चंद्र रस्तोगी, सागर अग्रवाल, जैनेंद्र पाल सिंह, मनीष अग्रवाल, अशोक कुमार, मेवाराम गंगवार, शैलेंद्र माहेश्वरी, रामप्यारी गंगवार, बनवारी लाल, उपस्थित रहे।