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सडक़ दुर्घटनाओं की रोकथाम के प्रयास का धरातल पर कोई असर नहीं दिख रहा है। दुर्घटनाओं में कहीं कोई कमी नहीं आई है। साल दर साल हादसों में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। बाड़मेर जिले में पिछले तीन साल में 1084 सडक़ हादसों में 676 लोगों की जान चली गई। तेज रफ्तार वाहनों के कारण अधिकांश हादसे हुए है।
हादसों में सबसे बड़ा कारण ओवर स्पीड है। रफ्तार पर नियंत्रण नहीं होने के कारण अधिकांश हादसे होते है। तेज रफ्तार के कारण हादसों की गंभीरता भी बढ़ जाती है, इसके चलते मौतें और घायलों का आंकड़ा बढ़ा है।
औसतन एक रोज एक दुर्घटना
जिले में पिछले तीन सालों में औसतन रोज एक हादसा हुआ है। वहीं हादसों में प्रतिदिन एक से अधिक लोग घायल हुए है। साल 2021 में 361 सडक़ दुर्घटनाओं में 377 घायल हुए और 203 ने दम तोड़ दिया। इसी तरह 2022 में मौतों का आंकड़ा बढकऱ 237 पर पहुंच गया और घायल भी 392 हुए। वहीं 2023 में पिछले दो सालों के हादसों के लगभग बराबर ही 359 दुर्घटनाएं घटी। इनमें मौतों का आंकड़ा 236 व 388 लोग घायल हुए।
आवारा पशुओं के कारण भी हादसे ज्यादा
सडक़ों पर अचानक आवारा पशु के आने के कारण सबसे ज्यादा हादसे बाइक सवारों के साथ हुए है। पशु को बचाने के प्रयास में बाइक सवार के मौतों के केस युवाओं के ज्यादा है। वहीं सडक़ पर पशु के आने से कार व बड़े वाहन भी कई हादसों के शिकार हुए है।
अनफिट वाहन दौड़ रहे रफ्तार से
ट्रक, ट्रेलर, कारें और यहां तक निजी यात्री बसें भी बिना फिटनेस के हाईवे पर रफ्तार से दौड़ रही है। पिछले कुछ हादसों में पता चला कि बसों का फिटनेस भी नहीं था। इसके कारण हादसों की रोकथाम नहीं हो पा रही है। वहीं वाहनों की जांच समय पर नहीं होने के कारण अनफिट वाहन यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।
खड़े वाहनों से टकराने के मामले भी बढ़े
पिछले कुछ समय से खड़े वाहनों से टकराकर हादसे के केस बढ़े है। इसमें कारण सामने आया है कि चालक वाहन को सडक़ पर खड़ा कर देते है। इसके कारण हादसे होते है। अधिकांश मामलों में ट्रक और ट्रेलर सडक़ों पर ज्यादा खड़े रहते है और हादसे भी इनसे से ही ज्यादा हुए है।
ये कारण भी है जिम्मेदार
ओवर स्पीड के साथ लापरवाही, यातायात नियमों के उल्लंघन के अलावा शराब पीकर वाहन चलाने और थकान भी हादसों का बड़ा कारण है। मोबाइल पर बात करने के कारण भी हादसे के केस सामने आए है। विशेषज्ञ बताते है कि सडक़ों पर वाहन चलाने से पहले गाड़ी का फिटनेस जरूरी है। यह हादसे के खतरे को काफी नियंत्रित करता है। वहीं नियमों का ध्यान रखा जाए। नशे में वाहन कभी नहीं चलाएं और थकान होने पर रेस्ट जरूर करें।
बाड़मेर जिले में तीन साल में दुर्घटनाएं
साल .......हादसे .......मौतें .......घायल
2021........ 361 .......203....... 377
2022 .......364 .......237....... 392
2023....... 359 .......236....... 388
Published on:
19 Feb 2024 02:10 pm
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