
State of art office made through internet
दलपत धतरवाल.
बालोतरा. प्रदेश की रिफाइनरी जिस गांव में लग रही है उस गांव में अब तक अभावों का डेरा रहा है लेकिन अब गांव की सरपंच ने ही ठान ली है कि वह रिफाइनरी के साथ गांव की तकलीफों को दूर करने के लिए पूरा संघर्ष करेगी। सरपंच बनने के बाद उन्होंने रिफाइनरी कार्य की मदद के भरोसे नहीं बैठी और अपने दम पर छह किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाकर गांव में मीठे पानी का सपना साकार कर दिया।
सरपंच एक ही मांग लेकर आगे बढ़ रही है कि यदि यहां रिफाइनरी लग रही है तो गांव देश के बेहतरीन गांवों में एक हों और यहां पर्यटक रिफाइनरी देखने आए तो गांव को देखकर भी दंग रह जाए। सांभरा ग्राम पंचायत सरपंच लीला हुड्डा बताती है कि गांव में लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए कई किलोमीटर जाना पड़ता था या फिर महंगे मोल में खरीद कर प्यासी बुझानी पड़ती थी।
पोकरण-फलसूूण्ड-बालोतरा पेयजल परियोजना से गांव जुड़ा हुआ नहीं था। सरपंच बनने के बाद सबसे पहले लोगों को नहरी पानी उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास शुरु किए। करीब 6 किलोमीटर तक स्वयं के स्तर पर पाइपलाइन बिछा कर ग्राम पंचायत मुख्यालय तक पानी पहुंचाया। अब लोगों को पानी के लिए परेशानी भी उठानी नहीं पड़ती है। ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बेसहारा पशुओं के लिए बड़े जलकुण्ड का निर्माण करवाया गया। इसमें पशु पानी पीते है।
इंटरनेट से बनाया कार्यालय-
रिफाइनरी स्थल से महज 3 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत कार्यालय भवन को सुंदर व अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बनाने के लिए सरपंच ने इंटरनेट अन्य तकनीकी माध्यमों से देश व प्रदेश की कई ग्राम पंचायतों का अवलोकन किया ।
इसके बाद पंचायत भवन का जीर्णोद्धार करवाया। इसमें वातानुकूलित व वीडियो कांफ्रेसिंग सुविधायुक्त बैठक हॉल, लोगों को स्वच्छ पानी मिल सके इसके लिए पंचायत परिसर में आरओ प्लांट, पूरे परिसर को सीसीटीवी कैमरे लगाए, पंचायत के गेट के पास टीनशेड का पार्किग, परिसर में रंगबिरंगी रोशनी, पौधरोपण, सीमेटेंड इंटरलॉकिंग का कार्य करवाया गया।
इसके बाद कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक, पंचातय सहायकों के लिए अलग-अलग कम्प्यूटर सिस्टम व बैठने की व्यवस्था भी की गई।
पहले था विरान, अब हुआ आबाद-
पचपदरा तहसील का सांभरा गांव में लंबे समय से नमक उद्योग के प्रसिद्ध था। समय बीतने के साथ नमक विभाग ने नमक उत्पादन से हाथ खींचने शुरु कर दिए। जैसे-जैसे नमक विभाग ने हाथ खींचे, वैसे-वैसे यह गांव विरान होते गया। फिर वर्ष 2012 में बाड़मेर में रिफाइनरी स्थापना की चर्चा शुरु होने के बाद लीलाला (बायतु) के बाद सरकार ने सांभरा व साजियाली कंठवाड़ा गांव की खाली हजारों बीघा सरकारी जमीन में रिफाइनरी निर्माण का निर्णय किया था।
रिफाइनरी स्थापना का निर्णय व फिर वर्ष 2013 में रिफाइनरी का शिलान्यास होने के बाद सांभरा गांव में देश-दुनिया के नक्शे पर छा गया। अब यहां पर 43129करोड़ रुपए की लागत से देश की सबसे अत्याधुनिक रिफाइनरी का निर्माण किया जा रहा है।
पर्यटक के रुप में विकसित करने का है सपना-
रिफाइनरी स्थापना के अलावा विकसित गांवों की श्रेणी में सांभरा गांव में विश्व के नक्शे पर प्रदर्शित करना है। इसके लिए गांव को देश-दुनिया में निर्मल ग्राम, स्वच्छ व सुंदर गांव बनाने का लक्ष्य है। पर्यटक की दृष्टि से गांव को विकसित करने के लिए योजना बनाई जा रही है।
- लीला हुड्डा, सरपंच
Published on:
03 Jun 2020 07:19 pm
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