
परम्परागत कुएं, बेरियाँ, हैंडपंप सूखने लगे, पेयजल संकट
रामसर बाड़मेर. सीमावर्ती पंचायत समिति रामसर के सेतराऊ,रामसर,गागरिया, भाचभर, सुवाडा , बबुगुलेरिया, चाड़वा तखताबाद
,चाडी,खारिया सहित दर्जनों ग्राम पंचायतों में पेयजल को लेकर त्राहि त्राहि मची हुई है। इन ग्राम पंचायतों में पीएचईडी विभाग की ओर से पानी पहुंचाने की योजना का लाभ नहीं मिल रह और नर्मदा प्रोजेक्ट के ईसीआर भी खाली हैं ।ऐसे में कई गांवों में पानी का भयंकर संकट उत्पन्न हो गया है । गर्मी के मौसम में पानी के लिए लोग बेहाल नजर आ रहे हैं।
इंदिरा गांधी नहर से जुड़े गांवों में पेयजल संकट- इंद्रोइ, हाथमा, बसरा सियानी,देरासर सहित कई ग्राम पंचायतों के 40 गांवों के लिए इन्दिरा नहर परियोजना अन्तर्गत बाङमेर कैनाल से जोङने की योजना स्वीकृत कर गांव वार जीएलआर बना पाइपलाइन बिछाकर जोङा गया ।लेकिन पानी सप्लाई चालू नहीं करने से स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। कही पर होदियाँ अधूरी है तो कही पर इनके चारों ओर चारीदीवारी का कार्य अधूरा है। कई जीएलआर बनाए को साल भर से अधिक समय हो गया है। पानी चालू नहीं होने से इन होदियों के फुटने की आशंका है।
गर्मी में सूख रहे परम्परागत जल स्रोत- क्षेत्र में लगातार अकाल पङने से क्षेत्र में पानी की भंयकर समस्या है। आमजन और माल मवेशी बेहाल है। परम्परागत पुराने कुएं, बेरियां और हैंडपंप तेज गर्मी के चलते सुखने लगे हैं। आमजन, पशुओं और वन्य जीवों को पेयजल के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होना पङ रहा है।
क्षेत्र में पानी की भारी समस्या है ।यहां पर कोई खास पानी पहुंचाने का स्रोत भी नहीं है । राहत के टैंकर आ रहे हैं ,जिससे पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं । इंदिरा गांधी नहर का काम जल्द ही पूरा हो और पानी की आपूर्ति सुचारू करवाई जाए तो ग्रामीणों को राहत मिल सकती है। - बाघ सिंह,सरपंच हाथमा
ग्राम पंचायत में गिड़ालिओं का तला और चाडी गांव में बने ओपनवेल से पानी की आपूर्ति हाेती है ,जो गांव के लिए पर्याप्त नहीं है। गर्मी के मौसम में अभी पानी कम मिल रहा है । नर्मदा परियोजना का पानी अब तक नहीं मिल पा रहा है। -लाधुराम, सरपंच चाडी
Published on:
18 Apr 2022 12:19 am
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