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शव तालाब से निकले तो आंखों से फूटा आंसुओं का सैलाब

तालाब में डूबने से तीन बच्चों की मौत

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शव तालाब से निकले तो आंखों से फूटा आंसुओं का सैलाब

शव तालाब से निकले तो आंखों से फूटा आंसुओं का सैलाब

बाड़मेर . छोटे-छोटे बच्चे...जिनके चेहरे देखकर ही लाड़ उमड़ पड़े लेकिन जब उनको एक-एक कर तालाब से निकाला गया और शव देखे तो निकालने वाले और देखने वालों की आंखों से आंसूओं का सैलाब फूट पड़ा।

राखी से दो दिन बाद और तीज के पर्व के एक दिन पहले टाकूबेरी के बाबूलाल के घर की खुशियां उजड़ गई। अपने दो बेटों के साथ बहन के बेटे के भी एक साथ मौत ने पूरे परिवार को उम्रभर के लिए रुला दिया।

तीनों बच्चों के सोमवार शाम से घर से गायब होने के बाद परिवार का एक-एक सदस्य उनके सुरक्षित घर लौटने की प्रार्थनाएं कर रहा था लेकिन मंगलवार की सुबह हर एक को रुला गई।
सिणधरी क्षेत्र के टाकूबेरी गांव से तीन मासूम राकेशकुमार (14) व धन्नाराम(9) पुत्र बाबूलाल निवासी टाकूबेरी व किशोर (13) पुत्र जोगाराम निवासी चवा बिना बताए सोमवार शाम को घर से गायब हो गए। बच्चे नहीं लौटे तो परिजनों को फिक्र हुई, इधर-उधर अता-पता नहीं चला तो पुलिस को बताया।

सोशल मीडिया पर फोटो वायरल किए और दुआ करने लगे कि कहीं उनके बच्चे मिल जाए। सोमवार रात 9.30 बजे गांव के ही तालाब के पास बच्चों के जूते और कपड़े होने की जानकारी मिलते ही परिजनों का कलेजा कांप गया। अनहोनी की कल्पना से सिहरे परिवार बार-बार यही कह रहा था जल्दी करो, क्या पता बच्चे जिंदा हों, दुआ यह भी थी कि हे भगवान बच्चे यहां हो ही नहीं,चाहे वे कहीं गायब हो।


राखी बंधी रही, भाई नहीं रहे
मृतक राकेश व धन्नाराम दोनों सगे भाई है। इनके एक बहन है। जिसकी आयु महज सात साल है। बहन सरिता ने दो दिन पहले भाइयों के खुशी से राखी बांधी थी। यह राखी उनके हाथ में बंधी रही..जो बहन के लिए भाइयों की कलई पर सजी आखिरी राखी थी। चवा निवासी किशोर रक्षाबंधन से दो दिन पहले मामा के यहां आया था। उसका ननिहाल भी बाबूलाल के यहीं है।

परिवार में एक साथ तीन मासूमों की मौतों ने मातम पसरा दिया। महिलाओं का रुदन रुक नहीं पा रहा था और उन्हें संभालने वाली महिलाएं भी फूट-फूट कर रो रही थी, इधर पोस्टमार्टम बाद बच्चों के शव लेकर पुरुष घर पहुंचे तो उनकी रुलाई भी नहीं रुक पाई।