इससे पहले 9 जनवरी को कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर महापौर जतीन जायसवाल प्रेस कांफ्रेंस ली थी, जिसमें वे आधे से ज्यादा समय तक पिछले कार्यकालकी खामियां गिनाते रहे। महापौर ने पूरे कार्यकाल को भ्रष्टाचार का पुलिंदा करार दिया था। महापौर ने कहा, स्वीमिंग पुल, गंगामुण्डा तालाब में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। इन मामलों में शिकायत के बावजूद प्रशासन भाजपा सरकार के दबाव में जांच नहीं कर रहा है। यही नहीं निगम की गाडिय़ों में ईंधन में भी मनमानी भ्रष्टाचार हुए। पिछले कार्यकाल में 74 गाडिय़ों के बावजूद औसतन साढ़े तीन लाख लीटर सालाना डीजल खर्च था, जबकि अब 95 गाडिय़ों के काफिले के बावजूद आधा डीजल ही खर्च हो रहा है। जल आवर्धन योजना पूरी तरह फेलियर साबित हो चुकी है। 17 करोड़ की योजना 29 करोड़ की लागत तक पहुंच गई पर पानी का प्रेशर अब भी सही नहीं है।