पत्रकार प्रशांत गजभिए और सतीश ने कहा, जिस तरह से डॉक्टरों ने सलूक किया इससे वे दहशत में है। डॉक्टर कुछ भी कर सकते थे। यहां तक की जान से मारने तक की कोशिश की गई। यह सब पुलिस की मौजूदगी में ही होता रहा। डॉक्टरों ने शहर के बीच अस्पताल में इस तरह का सलूक किया है वह भी सिर्फ इसलिए मीडिया ने अस्पताल की असलियत खोलकर सामने रख दी। ऐसा ही हाल रहा तो फिर मेडिकल कॉलेज के डिमरापाल जाने के बाद वे पत्रकारों के साथ कुछ भी कर सकते हैं। पत्रकार संघ अध्यक्ष एस करीमुद्दीन ने कहा, इस मामले को हलके में नहीं लिया जाए। बेहद ही गंभीर मामला है और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिए और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पत्रकार सुधीर जैन, भंवर बोथरा, सत्यनारायण पाठक, नरेश मिश्रा, सुरेश रावल, मनीष गुप्ता, रजत बाजपेयी समेत अन्य वरिष्ठ पत्रकारों ने इस घटना को बेहद ही निंदनीय बताया है।