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कृषि यंत्रों का उपयोग कर किसान बना खुशहाल

शहर से लगे ग्राम आडा़वाल का कृषक प्रकाश नायडू ने खेती करने का तरीका बदलते हुए कृषि यंत्रों का साथ लिया  और उन्नत खेती कर समृद्धि का प्रकाश घर तक पहुंचाने में सफल रहा।

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Ajay Shrivastava

Jul 21, 2016

Conventional farming

Economic conditions improve

जगदलपुर.
शहर से लगे ग्राम आडा़वाल का कृषक प्रकाश नायडू ने खेती करने का तरीका बदलते हुए कृषि यंत्रों का साथ लिया और उन्नत खेती कर समृद्धि का प्रकाश घर तक पहुंचाने में सफल रहा। आज उसके इस सफलता को देख आसपास के किसान भी उनकी राह पर चल रहे हैं।


प्रकाश ने बताया कि वे पहले परम्परागत खेती करते थे। खरीफ में धान व सब्जी और रबी में गेहूं, मक्का और सब्जी की खेती करते थे। इतनी मेहनत करने के बाद भी उसे अधिक लाभ नहीं होता था जिससे उन्हें प्रति एकड़ 9 से 10 क्ंिवटल धान की प्राप्ति होती थी। इससे उन्हें हमेशा आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता था।


आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने कृषि विभाग से संपर्क कर विभागीय योजनाओं का लाभ लेते हुए बीज उत्पन्न कार्यक्रम लेकर कृषक विभाग को बीज बनाकर देने का प्रशिक्षण लिया । इसके अलावा आत्मा योजना से शैक्षणिक भ्रमण एवं प्रशिक्षण कर तकनीकी खेती के बारे में भी जानकारी ली गई।


कृषक प्रकाश ने बताया कि कृषि कार्य के साथ-साथ कृषि संबंधित पत्रिकाएं पढऩे के भी इच्छुक रखता है जिससे उसे खेती के बारे में नई जानकारी प्राप्त हो सके । प्रकाश के मुताबिक पारम्पिक खेती से उन्हें प्रति एकड़ 9 से 10 क्ंिवटल धान होता था। आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने सोच बदली और विभागीय योजनाओं का लाभ लेकर अपना पंजीयन बीज निगम में करवाय।


क्षेत्रीय अधिकारियों के परामर्श अनुसार कृषक ने अपनी खेती करने के तरीके में परिवर्तन लाते हुए कृषि कार्य शुरू किया, इसका असर यह हुआ कि उन्हें अधिक उपज प्राप्त होने लगी और आर्थिक स्थिति में सुधार आता गया। आज यह स्थिति है कि प्रकाश के पास स्वयं का ट्रैक्टर है, जिसे वह स्वयं के कृषि कार्य में उपयोग के बाद दूसरों को किराए पर भी उपलब्ध कराते है।


धान की खेती के साथ-साथ आय के स्त्रोत में कृषक को ट्रैक्टर किराए पर देकर विभिन्न प्रकार के फलों के पौधों से फल बेचकर सब्जी की फसल से व घर पर लगाए गए छोटे से हालर मिल से अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है। प्रकाश के इस अथक मेहनत और लगन और समय के साथ खेती करने का तरीका बदलने से आसपास के किसान भी उनसे प्रभावित है। प्रकाश का कहना है कि वे अन्य किसानों को इस तकनीक के बारे में बताकर कृषि को लाभ का धंधा बना सकते हैं।


संकर बीज का लिया प्रशिक्षण

कृषक प्रकाश ने संकर बीज उत्पन्न करने के लिए वीएनआर संकर बीज की ओर से10 दिन का प्रशिक्षण भी लिया। आज इस कृषक की उन्नति से प्रभावित होकर क्षेत्र के लोगों में कृषि के प्रति जिज्ञासा बढ़ी है। प्रकाश के आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार होते देखकर परिवार अब बहुत खुश है।