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कहीं पानी में न बह जाए 17 करोड़ रुपए, नोटिस मिलने के बावजूद काम में हो रही लापरवाही

हथमुड़ी डायवर्सन से बीजाभाट-अमोरा तक बन रही नहर, हथमुडी, पदमी, भुरकी होते हुए टेल एरिया कंतेली, बीजाभाट तक पहुंचेगा पानी

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Canal in bemtara, Chhattisgarh Breaking news

बेमेतरा. अल्प वर्षा के बाद जल संकट से जूझ रहे बेमेतरा जिले में करोड़ों की लागत से पुराने नहरों को रिमोल्ड करने के कार्य में अभी से शिकायत आने लगी है। पूर्व में कमजोर काम को लेकर ठेकेदार को नोटिस थमाया गया था, लेकिन इसके बाद भी कार्य में सुधार करने के बजाए कमजोर निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा निर्माण कार्य में लगे मजदूरों ने मजदूरी नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई है।
18 किमी लंबे नहर को उपयोगी बनाने का कर रहे प्रयास
बताना होगा कि जिले में हथमुड़ी व्यपवर्तन के तहत हथमुड़ी डायवर्सन से बीजाभाट-अमोरा तक निर्माण किया जा रहा है। बताना होगा कि जलसंसाधन विभाग द्वारा 18 किमी लंबाई वाले पुराने नहर नाली को उपयोगी बनाने के लिए बिलासपुर के ठेका कंपनी को 17 करोड़ में ठेके पर दिया गया है, जिनके द्वारा नहर पुलिया व नहर का जीर्णोद्धार किया जाना है पर जिस तरह से कार्य किया जा रहा है, उस पर सवाल उठाया जाने लगा है। 18 किलोमीटर लंबी नहर गाड़ाघाट-हथमुडी व्यपवर्तन से नहर का रिमोल्ड किए जाने का कार्य शुरू किया गया है। जिसके बाद नहर हथमुडी, पदमी, भुरकी होते हुए कंतेली, से बीजाभाट टेल एरिया तक पहुचा है।
बारिश होते ही खुल गई गुणवत्ता की पोल
बताना होगा कि बीते सप्ताह भर में हुए असमय बारिश ने जलसंसाधन विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्य की पोल खोल कर रख दी है और नहर में बनाए जाने वाले डीआरबी (पुलिया) के निर्माण के शुरुआती समय में ही कमजोरियां सामने आ रही है। वहीं पुराने नहर से निकाले जा रहे मुरूम को लेकर भी शिकायत की गई है।
10 एकड़ रकबे को भी नहीं मिल पाया पानी
सूत्रों के अनुसार नहर का निर्माण 40 साल पहले 1977 में किया गया था। करीब 4 हजार एकड़ के रकबे में सिचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए किए गए नहर निर्माण से आज तक दस एकड़ के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं हो पाया है, न ही किसान नहर का लाभ ले पाए हैं। जिसे देखते हुए अब 17 करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा, तब भी नहर की उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं। जानकारों ने बताया कि नहर का कार्य चैन क्र. 631 कड़ी तक होना था पर अब तक केवल 150 कड़ी तक ही हो पाया है। साथ ही निर्माण की गुणवत्ता पर भी ऊंगली उठ रहे हैं।
नोटिस थमाया था, अब फिर निरीक्षण करेंगे
इस संबंध में बेमेतरा जल संसाधन विभाग के एसडीओ चंद्रिका सिहोरे ने बताया कि पूर्व में काम के कमजोर गति को लेकर शिकायत मिलने पर ठेकेदार को नेाटिस थमाया गया था पर अब जब एक बार फिर शिकायत मिल रही है, तो हम मौके पर जाकर देखेंगे।