24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शाम के पांच बजते ही वन स्टॉप सेंटर में लग जाता है ताला

जिला पंचायत भवन में वन स्टॉप सेंटर का शुभारंभ तत्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्र ने 17 सितंबर 2018 को किया था

2 min read
Google source verification
patrika

शाम के पांच बजते ही वन स्टॉप सेंटर में लग जाता है ताला

बैतूल. हिंसा पीडि़त बेसहारा महिलाओं के लिए जिला मुख्यालय पर कोठीबाजार में वन स्टॉप सेंटर का शुभारंभ तत्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्र ने १७ सितंबर २०१८ को किया था। वहीं सेंटर में सुविधाएं नहीं होने से महिलाओं को इसका लाभ भी नहीं मिल पा रहा है, इसके अलावा शाम ५ बजे ही सेंटर में ताला लग जाता है। इनता ही नहीं शाम को पीडि़त महिलाओं के आने पर उन्हें सुविधाएं नहीं होने पर समझाइश देकर वापस कर दिया जाता है। महिलाओं को यहां पर आश्रय, कानूनी जानकारी, चिकित्सा, पुलिस डेस्क की सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। स्टॉप सेंटर में पदस्थ कर्मचारी सेंटर को खोलने और बंद करने का काम कर रहे हैं।

कोई सुविधा नहीं मिल रही
हिंसा पीडि़त महिलाओं को आश्रय देने पुराने जिला पंचायत भवन में वन स्टॉप सेंटर का शुभारंभ तत्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्र ने १७ सितंबर २०१८ को किया था। सेंटर पर ही महिलाओं को पुलिस, चिकित्सा और विधिक सहायता नि:शुल्क उपलब्ध कराई जानी थी। आवास के साथ-साथ भोजन, कपड़े, टेलीविजन मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध कराई जानी थी। महिला के साथ बालिका को भी आश्रय दिया जाना था। शुभारंभ के चार माह बाद भी यहां पर कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। वन स्टॉप सेंटर में चार महिला कर्मचारियों को नियुक्त किया है। महिलाएं सुबह ११ बजे इस सेंटर में पहुंचती है और फिर शाम पांच बजे ताला लगाकर वापस चली जाती है।

आचार संहिता खत्म फिर भी नहीं सुविधा
वन स्टॉप सेंटर में सुविधाओं को लेकर अधिकारियों द्वारा पहले विधानसभा चुनाव की आचार संहिता का हवाला देकर खरीदी नहीं होने की बात कही जा रही थी। अब आचार संहिता को समाप्त हुए भी एक माह का समय बीत गया है, फिर सांसद चुनाव की आचार संहिता लग जाने से सेंटर में सुविधा नहीं हो सकेगी। जिससे महिलाओं को लाभ नहीं मिल सकेगा। सुविधाओं के अभाव में वन स्टॉप सेंटर शोपीस बना हुआ है।

इनका कहना
वन स्टॉप सेंटर में भोपाल से भर्ती होना है। अभी अस्थायी तौर पर कार्यालय से कर्मचारियों को रखा गया है। भर्ती होने पर सुविधा भी हो जाएगी। पीडि़त महिलाओं के आने पर उन्हें स्वधार गृह भेज दिया जाता है।
राधेश्याम वर्मा, महिला संशक्तिकरण अधिकारी, बैतूल