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डीपीसी ने कार्यमुक्त होने से पहले एसपी को सौंपी ४५३ पन्नों की जांच रिपोर्ट

सोमवार को कार्यमुक्त होने से पहले डीपीसी पराड़कर ने घोटाले से जुड़े ४५३ पन्नों की अहम जांच रिपोर्ट दो अलग-अलग प्रतियों में पुलिस अधीक्षक एवं नवागत डीपीसी आईडी बोडख़े को सौंप दी है।

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Inquiry report

Inquiry report

बैतूल। सर्व शिक्षा अभियान में हुए २ करोड़ ९१ लाख के घोटाले मामले में विभाग के छह अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध थाने में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद प्रकरण न्यायालय में चल रहा है। इस घोटाले का खुलासा करने वाले डीपीसी अशोक पराड़कर परीक्षा के ठीक पहले स्थानांतरण होशंगाबाद कर दिया गया है। सोमवार को कार्यमुक्त होने से पहले डीपीसी पराड़कर ने घोटाले से जुड़े ४५३ पन्नों की अहम जांच रिपोर्ट दो अलग-अलग प्रतियों में पुलिस अधीक्षक एवं नवागत डीपीसी आईडी बोडख़े को सौंप दी है। ताकि प्रकरण की सुनाई के दौरान किसी साक्ष्य या जांच रिपोर्ट की जरूरत पड़े तो उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया जा सके। जांच रिपोर्ट में लगे सभी ४५३ पन्ने सर्टिफाइड काफी के दिए गए हैं। डीपीसी पराडकर का कहना था कि ऑफिस में जांच रिपोर्ट के दस्तावेज कहीं गायब न हो जाए इसलिए इसकी सर्टिफाइड कापी एसपी को सौंप रहे हैं ताकि पुलिस मामले में आगे कार्रवाई जारी रख सके।
यह है घोटाले की कहानी
तत्कालीन जिला परियोजना समन्वयक अशोक पराडकर द्वारा बताया गया था कि जो भी तथ्य प्रतिवेदन में उल्लेखित है वह कार्यालयीन अभिलेखों पर आधारित है। उनके द्वारा किसी भी प्रकार के निराधार एवं तथ्य के विपरीत स्वमेय रचित एवं कपोल कल्पित बातों का उल्लेख प्रतिवेदन में नहीं किया गया है। प्रतिवेदन के बिंदुवार तथ्यों से संबंधित अभिलेख नस्ती में उपलब्ध है। प्रकरण के अवलोकन में यह पाया गया था कि वित्तीय अनियमितता में सम्मिलित तत्कालीन जिला परियोजना समन्वयक जीएल साहू, सहायक परियोजना समन्वयक मुकेश सिंह चौहान, तत्कालीन जनशिक्षक शा.प्रा.शाला खपरिया चिचोली इंद्रमोहन तिवारी, जनशिक्षक झिरियाडोह रावेंद्र तिवारी, जनशिक्षक कुनखेड़ी दिनेश देशमुख, जनशिक्षक पांडाझिरी शाहपुर सुनील सुनारिया के विरूद्ध स्थानीय कोतवाली में धारा ४२०, ४६७, ४६८,४७१, १२० बी ३४ भादवि १३(१)१३(१) डी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।