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अचानक बजी फोन की घंटी और आवाज आई, मैं फांसी पर लटक रहा हूं, बचाना चाहो तो बचा लो

डीएसपी ने आरक्षक के साथ हीरों की तरह मारी एंट्री और बचा ली सफाई कर्मी की जान

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बेतुल

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poonam soni

May 22, 2020

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बैतूूल. मैं फांसी पर लटक रहा हूं बचाना चाहे तो बचा लो। फोन लगाकर ऐसा डीएसपी को सफाईकर्मी ने कहा और फांसी लगा ली। सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचे डीएसपी ने फांसी के फंदे पर झूल रहे सफाईकर्मी के पैर पकड़कर गोद में उठा लिया। आरक्षक और परिवार के लोगों की सहायता से सफाईकर्मी को फांसी के फंदे से उतारा। उसका जिला अस्पताल में इलाज किया गया। घटना बुधवार दोपहर शंकर वार्ड भग्गूढाना में हुई। पीडि़त मकान मालिक द्वारा किराया मांगने से परेशान था। लॉक डाउन में काम बंद होने से उसके पास पैसे नहीं थे।


यह था मामला
गंज थाने के प्रशिक्षु डीएसपी संतोष कुमार पटेल ने बताया कि मोबाइल पर दोपहर सवा बारह बजे के लगभग फोन आया और कहा कि मैं फांसी पर लटक रहा हूं, बचाना चाहे तो बचा लो। जब फोन आया मैं पुलिस कंट्रोल रुम चौक पर था,तत्काल मौके पर पहुंचा। युवक ने पंखे से मफलर बांध लिया और लटक गया था। घर में पहुंचते ही युवक के पैर उठा लिए। आरक्षक नवनीत वर्मा की और परिवार के लोगों की सहायता से युवक को नीचे उतारा। इसके बाद इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए। अब वह स्वस्थ है।

डीएसपी ने कही ये बात
पटेल ने बताया कि युवक का नाम योगेश चंद्रहास है। उसकी उम्र लगभग 45 वर्ष है। नगर पालिका में प्राइवेट में सफाई काम करता है। डीएसपी पटेल ने बताया कि हमने पुलिस की वर्दी पहनी है। देश भक्ति जन सेवा का संकल्प लिया है। हमारा पहला कर्तत्व है कि कोई मदद मांगे तो उसकी मदद करे। थोड़ी और देर होती तो युवक की जान जा सकती थी। परिवार की दुआएं थी। उसे जीना था,इसलिए हम भी समय पर पहुंच गए। योगेश ने कहा कि मुझसे गलती हो गई। दोबारा नहीं करुंगा। पटेल ने बताया कि मकान मालिक वृद्ध है उसकी कोई गलती नहीं है। युवक शराब का आदी है।

मकान मालिक के किराए मांगने से था परेशान
योगेश चदं्रहास ने बताया कि वह पिछले पांच माह से शंकर वार्ड भग्गूढाना में मनोहरलाल लोखंडे के मकान में किराए से रहता है। लॉकडाउन से आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। जिससे दो महीने से किराया नहीं दे पाया था। चार हजार रुपए किराया बाकी है। मकान मालिक द्वारा किराए नहीं देने पर घर खाली करने की बात कही जा रही थी। जिससे परेशान होकर फांसी लगा ली थी। पुलिस ने समय पर आकर मुझे बचा लिया। योगेश ने बताया कि दो बच्चे सात वर्षीय अभि और पांच वर्षीय साक्षी है।