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आमला में कांटे की टक्कर, भाजपा और कांग्रेस को मिली बराबर सीटें

नगरीय निकाय चुनाव में आमला में रोचक मुकाबला देखने को मिला है। यहां भाजपा और कांग्रेस को बराबर सीटें मिली है। जबकि दो सीटे निर्दलीय प्रत्याशियों के खाते में आई है। आमला में कुल १८ वार्डों के लिए कुल ७१ प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़े थे। म

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विजयी के बाद जश्न मनाते हुए प्रत्याशी

Candidates celebrating after winning

बैतूल। नगरीय निकाय चुनाव में आमला में रोचक मुकाबला देखने को मिला है। यहां भाजपा और कांग्रेस को बराबर सीटें मिली है। जबकि दो सीटे निर्दलीय प्रत्याशियों के खाते में आई है। आमला में कुल १८ वार्डों के लिए कुल ७१ प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़े थे। मतगणना शुरू होने के साथ ही रूझानों में पहले भाजपा बढ़त बनाए हुए थी, लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस उम्मीदवारों की बढ़त भी नजर आने लगी। मतगणना समाप्त होने तक स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो गई। चुनाव में भाजपा को ८ और कांग्रेस को ८ सीटें मिली हैं जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों के खाते में महज २ सीटे आई है। भाजपा और कांग्रेस को बराबर सीटे मिलने से अब परिषद किसकी गठित होगी उसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। बताया गया कि परिषद बनाने के लिए १८ में से १० सीटे होना जरूरी है। कांग्रेस और भाजपा में से जिसके खेमे में दोनों निर्दलीय प्रत्याशी जाएंगे उसकी परिषद बनना तय है। हालांकि आमला में पूर्व में भाजपा की परिषद रही है। इसलिए भाजपा को बहुमत के साथ जीत मिलना तय माना जा रहा था लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद सारे समीकरण गड़बड़ा गए हैं। इधर मतगणना स्थल के बाहर सुबह से लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। बड़ी संख्या में लोग मतगणना स्थल पर परिणाम जानने के लिए पहुंचे थे।
अब परिषद के गठन को लेकर जोड़-तोड़ होगी शुरू
आमला नगरपालिका परिषद के गठन के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है। इसलिए सत्ता पर काबिज होने के लिए दोनों ही पार्टियों को निर्देलीय प्रत्याशियों का सहारा लेना पड़ेगा। निर्देलीय प्रत्याशी किस पार्टी को समर्थन देंगे यह तो वक्त ही बताएंगा, लेकिन आमला नगरपालिका में कब्जा करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने जोड़-तोड़ की राजनीति करना शुरू कर दिया है। बताया गया कि २०१४ के नगरीय निकाय चुनाव में नगरपालिका में भाजपा का कब्जा रहा है। जबकि इसके पूर्व कांग्रेस की सरकार निकाय में थी।