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सेंट्रल स्कूल के नए भवन में शिफ्टिंग नहीं होने पर जताया आक्रोश

सेंट्रल स्कूल की शिफ्टिंग में हो रही लेटलतीफी एवं निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर जिला अभिभाषक संघ ने एक ज्ञापन गुरुवार को जिला कलेक्टर को सौंपकर मामले में उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

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बैतूल। सेंट्रल स्कूल की शिफ्टिंग में हो रही लेटलतीफी एवं निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर जिला अभिभाषक संघ ने एक ज्ञापन गुरुवार को जिला कलेक्टर को सौंपकर मामले में उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उल्लेखनीय हो कि ३ अप्रैल को पत्रिका ने ऑफलाइन एडमिशन के लिए दो माह किया इंतजाम, जब पहुंचे तो चस्पा मिला नोटिस शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जिसमें नए भवन में शिफ्टिंग नहीं होने के पीछे निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने के जिक्र किया गया था।
अभिभाषक संघ का कहना था कि सेंट्रल स्कूल की नई बिल्डिंग का काम ९५ प्रतिशत पूर्ण होने के बाद स्कूल को नए भवन में शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। सेंट्रल स्कूल में प्रवेश की तिथि २ अप्रैल तय करने के बाद जब अभिभावक एडमिशन के लिए पहुंचे तो वहां एडमिशन न देने की सूचना चस्पा की गई थी। प्रायवेट स्कूलों को अनुचित लाभ प्रदान करने के लिए सेंट्रल स्कूल नए भवन में शिफ्ट नहीं किया जा रहा है जिससे गरीब विद्यार्थियों को अच्छी एवं सस्ती शिक्षा प्राप्त करने में परेशानी हो रही है। वहीं निजी स्कूलों द्वारा एक माह स्कूल लगाने पर भी गर्मियों की छुट्टियों की तीन माह की फीस शाला प्रबंधन द्वारा वसूली जा रही है। इसके अलावा बैतूल के प्रायवेट स्कूलों में एनसीआरटी की पुस्तकें सीबीएसई पाठ्यक्रम की न चलाकर प्रायवेट प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें चलाई जा रही है जो कि हर वर्ष बदल दी जाती है। जिससे कि गरीब छात्र/छात्रा पुरानी पुस्तकें लेकर भी नहीं पढ़ सकते हैं। उक्त पुस्तकें कुछ ही दुकानों पर उपलब्ध रहती है जो कि स्कूल के माध्यम से ही उक्त पुस्तकों की विक्रय कर रहे हैं। जिसमें शाला प्रबंधन का बड़ा हिस्सा होता है। इसकी जांच कराई जाए। पुस्तक विक्रेता पूरी पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य करते हैं दो, तीन पुस्तकें मांगने पर पुस्तकें देने से यह कहकर मना करते हैं कि शाला प्रबंधन ने पूरा सेट विक्रय करने के लिए निर्देश दिया है। मामले में अभिभाषक संघ ने उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है।