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तेरह सदस्यों से शुरू हुआ बीएमएस आज विश्व का सबसे बड़ा संगठन : मालवीय

स्थापना दिवस पर मजदूर मिलन समारोह आयोजित

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बेतुल

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Pradeep Sahu

Jul 24, 2019

तेरह सदस्यों से शुरू हुआ बीएमएस आज विश्व का सबसे बड़ा संगठन : मालवीय

तेरह सदस्यों से शुरू हुआ बीएमएस आज विश्व का सबसे बड़ा संगठन : मालवीय

सारनी. भारतीय मजदूर संघ का 64वां स्थापना दिवस क्षेत्रीय कार्यलय जुमड़े भवन पाथाखेड़ा में मजदूर मिलन समारोह के रूप में मनाया। मानवता के लिए मुसाफिर किरण जगाने वाले हम, शोषित, पीडि़त, दलितजनों का भाग्य बनाने वाले हम गीत की प्रस्तुति से विजय मिश्रा ने कार्यक्रम की शुरूआत की। महामंत्री अशोक मालवीय ने कहा बीएमएस देश का सबसे बड़ा संगठन है। आज देशभर में बीएमएस के सर्वाधिक 1 करोड़ 69 लाख सदस्य है। 23 जुलाई 1955 को भोपाल में दत्तोपंत ठेंगड़ी ने बीएमएस की स्थापना की। 13 सदस्यों की संख्या से प्रारंभ हुआ बीएमएस आज विश्व का सबसे बड़ा संगठन के रूप में जाना जाता है। सुदामा सिंह ने कहा राष्ट्रहित, उधोगहित और मजदूर हित के लिए बना संगठन आज सर्वश्रेष्ठ संगठनों में एक है। उन्होंने कहा आज का दिन ऐतिहासिक है। बीएमएस की स्थापना करने वाले दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्र चिंतक और अर्थ शास्त्री थे। उन्होंने कहा मजदूरों को आज भी ईपीएफ नहीं मिलता। सुविधा नहीं मिलती। मजदूरों का शोषण आज भी हो रहा है। इसके विरोध में हम सबको एक होना पड़ेगा। कार्यक्रम को महासंघ के उपाध्यक्ष शिवदयाल बिसन्द्रे, महेंद्र सिंह ठाकुर, सुदामा सिंह, प्रकाश राव ने भी संबोधित किया। जुमड़े भवन में आयोजित मजदूर मिलन समारोह में पाथाखेड़ा क्षेत्र की विभिन्न खदानों में कार्य करने वाले ठेका मजदूरों ने अपनी समस्याएं रखी और उसके निराकरण की मांग संगठन के पदाधिकारियों से की। कमलेश पाल ने कहा हम मजदूर दिन रात मेहनत करते हैं। एवज में हमें ईपीएफ, जरूरी सुविधाएं नहीं मिलती।
उन्होंने कहा बीते दिनों हमारे साथी मजदूर खदान में घायल हो गए थे। जिसका उपचार ठेकेदार, कंपनी प्रबंधन ने नहीं कराया। स्वयं के खर्चे पर उपचार कराना पड़ रहा है। राजेन्द्र, बाबूलाल, रामदास, राजकुमार ने कहा हमसे कार्य तो पूरा कराया जाता है, लेकिन मजदूरी समय पर नहीं दी जाती। मजदूरों ने बताया तीन माह काम करने पर एक माह की मजदूरी दी जाती है। ऊपर से एक माह में सिर्फ 15 दिन ही काम मिलता है बाकी दिनों घर पर रहना पड़ता है। एक मजदूर ने कहा हमें जब वेतन का भुगतान किया जाता है तो ठेकेदार द्वारा कहा जाता है कि तुम्हारे खाते में ज्यादा पैसे डल गए हैं उसे वापस करो। इसका मतलब यह है कि आज भी ठेका मजदूरों को नियमानुसार मजदूरी नहीं मिलती। ठेका मजदूर पप्पू बेलवंशी ने कहा संडे के दिन कोल कर्मी कार्य करता है तो उसे डबल वेतन का भुगतान किया जाता है। लेकिन हम मजदूरों को सिंगल ही भुगतान किया जाता है।उन्होंने कहा सीएमपीएफ का फार्म भरे छह माह बीत गए हैं।अब तक नंबर नहीं आया।