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जनाना में कोरोना का भय प्रसूताओं पर भारी

भरतपुर. लगातार बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीजों ने यहां कंटेंमेंट जोन घोषित करा दिया है।

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जनाना में कोरोना का भय प्रसूताओं पर भारी

जनाना में कोरोना का भय प्रसूताओं पर भारी

भरतपुर. लगातार बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीजों ने यहां कंटेंमेंट जोन घोषित करा दिया है। इसे लेकर विशेष सावधानी जनाना अस्पताल में डिलीवरी के लिए आने वाली महिलाओं को लेकर बरती जा रही है। किसी भी महिला में संक्रमण का प्रभाव दिखने या संक्रमित क्षेत्र से आने पर आरबीएम अस्पताल में रैफर कर दिया जाता है। क्योंकि अब तक पॉजिटिव केसों की संख्या 470 पर पहुंच गई है।

कोविड-19 भर्ती वार्ड बनने के बाद गत दिनों एक कोरोना पॉजिटिव की डिलीवरी आरबीएम में हुई थी। इसके बाद अस्पताल प्रशासन सतर्क हो गया। हालांकि गत मंगलवार को एक और पॉजिटिव महिला की सफाई की गई थी, जिसे भर्ती कर दिया गया। इस तरह आरबीएम में संदिग्ध प्रसूताओं के ऑपरेशन और सामान्य डिलीवरी की जा रही है, साथ ही जांच भी अनिवार्य हैं। लेकिन, जनाना में बगैर लक्षण और संक्रमित क्षेत्र से नहीं आने वाली प्रसूता महिलाओं के ऑपरेशन व सामान्य डिलीवरी की जा रही हैं।
इस स्थिति की लेते हैं जानकारी
अब जनाना में संक्रमण से एहतियात के तौर स्क्रीनिंग, घर में कोई व्यक्ति बाहर से तो नहीं आया, कोई परिजन क्वॉरेंटीन हुआ हो, कहीं की यात्रा तो नहीं की, जुकाम-खांसी, बुखार, गले में दर्द रहने की स्थिति पर संदिग्ध मानते हुए आरबीएम भेज दिया जाता है। वहां डिलीवरी के साथ जांचें करवाई जाती हैं। पुष्टि होने पर कोविड-19 वार्ड में भर्ती कर दिया जाता है।


लॉक डाउन में अप्रेल व मई का औसत देखें तो जनाना अस्पताल में इन दो महीनों में लगभग 980 डिलीवरी हुई हैं। यह संक्रमित क्षेत्र व संक्रमण से संदिग्ध नहीं थी, जो संदिग्ध थी उनकी डिलीवरी आरबीएम में की गई। 02 जून को एक गर्भवति पॉजिटिव महिला की सफाई आरबीएम की गई जिसे सफाई के बाद कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया। ऐसे में संक्रमण से ग्रसित क्षेत्रों से आने वाली करीब 35 महिलाओं की डिलीवरी ऑपरेशन व सामान्य रूप से आरबीएम में की गई।। इनमें दो महिलाएं पॉजिटिव थी। इसमें एक महिला की डिलीवरी हुई और दूसरी पॉजिटिव महिला के प्री मेच्योर होने पर सफाई की गई।


वैसे संक्रमण की स्थिति पर नजर डालें तो 25 मार्च को पहला पॉजिटिव मिला था, जो 17 मई तक बढ़ते-बढ़ते 136 पर पहुंच गए। लेकिन, 18 मई से दो जून तक यह ग्राफ 361 हो गया। वहीं तीन जून तक यह 470 और चार जून दोपहर तक यह 502 पर पहुंच गया। इस स्थिति ने भरतपुर को राज्य में सातवें स्थान पर पहुंचा दिया है, जो कंटेंमेंट जोन की स्थिति में भयाभय है। इसका कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर से प्रवासी मजदूर व सब्जी विक्रेता हैं। ये आगरा व बयाना जैसे हॉट स्टॉप क्षेत्र से भुसावर, वैर, कुम्हेर, डीग, नदबई, रूपवास, भरतपुर आदि में प्रवेश कर गए। यह लॉक डाउन में राहत के बाद छूट और राजस्थान-उत्तर प्रदेश सीमा से सहज आवागमन का नतीजा है कि लोगों ने न सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की और न मुंह पर मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग किया।

जनाना अस्पताल भरतपुर मे अधीक्षक डॉ. रूपेंद्र झा का कहना है कि संक्रमित क्षेत्र से आने पर या कोरोना के लक्षण दिखने पर प्रसूता महिला को आरबीएम भेजते हैं। वहां ऑपरेशव या सामान्य होने की स्थिति में डिलीवरी करते हैं। वहां डिलीवरी के साथ जांच भी की जाती है। ऐसी प्रसूता महिलाओं को वहीं भेजते हैं। जनाना अस्पताल में उन महिलाओं का प्रसव किया जा रहा है, जो सामान्य हों और संक्रमित क्षेत्र से नहीं आई हों।