
प्रवासी मजदूरों का पलायन का जारी...
भरतपुर. परेशानियों से जूझते प्रवासी मजदूर अपने घर पहुंचने को आतुर हैं, जबकि लॉक डाउन से छुटकारा मिले कई दिन बीत चुके हैं फिर भी मजदूरों के पलायन का सिलसिला जारी है। इसे देखते हुए शुक्रवार को रात आठ बजे तक भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर से 36 बसों में लगभग 1080 प्रवासी मजदूरों को रारह बॉर्डर पर पहुंचाया। ये प्रवासी रोडवेज बस की नि:शुल्क सेवा के तहत राजस्थान-उत्तर प्रदेश सीमा स्थित रारह बॉर्डर पर छोड़े गए। सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक भीलवाड़ा से 32 और अजमेर-ब्यावर से 4 बसों में बॉर्डर तक पहुंचाए। ।
राजस्थान रोडवेज की 36 बसों से भीलवाड़ा के पास गांव असीम,अजमेर व ब्यावर से ईंट-भट्टा मजदूर, बेलदार व फैक्ट्रियों में काम करने वाले उत्तर प्रदेश, झारखंड, कोलकाता आदि राज्यों के मजदूरों को रारह बॉर्डर पर छोड़ा गया, जहां से यूपी सीमा में संचालित एक विद्यालय से यूपी प्रशासन ने अपने राज्य से आगे रवाना किया। राजस्थान में इन प्रवासियों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके बाद संक्रमण संबंधी जांच कर रोडवेज की नि:शुल्क बस सेवा में रवाना किया।
भीलवाड़ा से आए चालक गोपाल टेलर व नीरज दाहिना ने बताया कि लॉक डाउन से निजात के बाद राजस्थान-उत्तर प्रदेश सरकार में हुए समझौते के तहत सीमाएं खोल दी गईं। इससे अपने राज्य में पहुंचने के लिए रजिस्टे्रशन कराने वाले मजदूरों का रास्ता भी खोल दिया, लेकिन, नियम के तहत। इसलिए राजस्थान के भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर आदि जिलों में फंसे मजदूरों को रारह बॉर्डर तक पहुंचाया है।
भरतपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक अवधेश शर्मा का कहना है कि सैंकड़ों प्रवासी मजदूरों को भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर आदि स्थानों से राजस्थान रोडवेज की बसों से लाकर भरतपुर में राजस्थान-उत्तर प्रदेश सीमा पर राज्य के बॉर्डर रारह तक पहुंचाया है। इसके बाद यूपी प्रशासन ने आगे रवाना किया। वहीं यात्री भार बढऩे से जयपुर के लिए बस संचालन की संख्या बढ़ा दी है।
Published on:
12 Jun 2020 08:09 pm
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