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इस बार सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक वोटिंग, 2 घंटे का मिलेगा अतिरिक्त समय

लोकतंत्र का उत्सव : आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से लिया निर्णय, 25 नवंबर को डाले जाएंगे वोट

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इस बार सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक वोटिंग, 2 घंटे का मिलेगा अतिरिक्त समय

इस बार सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक वोटिंग, 2 घंटे का मिलेगा अतिरिक्त समय

डीग. प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां अंतिम चरण में है। एक ओर प्रत्याशी अपनी जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान के साथ-साथ मतदान प्रतिशत बढ़ाने की तैयारियों में जुटा है। जिलेवार मतदान दलों का दूसरे चरण का प्रशिक्षण चल रहा है। इस बीच निर्वाचन आयोग की ओर से इस बार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया व नियमों में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव मतदान के समय का तथा होम वोटिंग का है। इससे पहले के चुनावों में मतदान का समय जहां सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक रहता आया है, वहीं इस बार आयोग ने मतदान के समय में दो घंटे की बढ़ोतरी की है। इस बार मतदान निर्धारित दिवस 25 नवंबर को सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक होगा। आयोग ने यह निर्णय मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से लिया है।

सुबह साढे 5 बजे शुरू होगा मॉक पोल -

25 नवंबर को मतदान प्रक्रिया के दौरान वास्तविक मतदान से 90 मिनट पहले मॉक पोल करवाया जाएगा। इस बार वास्तविक मतदान का समय सुबह 7 बजे शुरू होने के कारण मॉक पोल सुबह साढ़े पांच बजे शुरू हो जाएगा। मॉक पोल की प्रक्रिया में मतदान दल विभिन्न प्रत्याशियों के पोलिंग ऐजेंट्स के सामने मॉक पोल की प्रक्रिया संपन्न कराएंगे। इस प्रक्रिया में पोलिंग ऐजेंट्स के सामने ईवीएम में सभी प्रत्याशियों को समान संख्या में वोट दिए जाएंगे। इन वोटों की संख्या न्यूनतम 50 होगी, लेकिन अधिकतम संख्या की कोई सीमा नहीं है। उदाहरण के लिए जैसे डीग-कुम्हेर विधानसभा क्षेत्र में नोटा सहित कुल 9 उम्मीदवार है तो यहां नोटा सहित सभी उम्मीदवारों के पक्ष में कम से कम पांच-पांच वोट मॉक पोल के दौरान डाले जाएंगे। सारे वोट डाले जाने के बाद मतदान दल पोलिंग ऐजेंट्स के सामने इन वोटों की गणना कर दिखाएंगे कि जिस-जिस प्रत्याशी के पक्ष में जितने-जितने वोट डाले गए हैं, उतने ही वोट गणना में दिखाए जा रहे हैं। वीवीपेट में गिरने वाली पर्चियों की गणना भी पोलिंग ऐजेंट्स के सामने कर वीवीपेट सहित सभी मशीनों से मॉक पोल के आंकड़े हटा दिए जाएंगे। इसके बाद सात बजे से वास्तविक मतदान प्रक्रिया शुरू होगी। मॉक पोल के निर्धारित समय तक अगर एक भी पोलिंग ऐजेंट्स बूथ पर नहीं पहुंचता है तो 15 मिनट इंतजार किया जाएगा और उसके बाद मॉक पोल शुरू होगा।

साथी की अंगुली पर भी लगेगी स्याही -

यदि कोई मतदाता दृष्टिहीन अथवा शिथिलांगों के कारण अकेले मतदान करने में सक्षम नहीं है तो ऐसे मतदाता को किसी सहयोगी की सहायता से मतदान करने की अनुमति दी जा सकेगी। ऐसी स्थिति में मतदाता के बांये हाथ की तर्जनी तथा सहयोगी के दांये हाथ की तर्जनी पर अमिट स्याही लगाई जाएगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि एक व्यक्ति (महिला अथवा पुरुष) अधिकतम एक ही मतदाता का सहयोगी बन सकेगा।

खराब होने पर बदली जा सकेगी वीवीपेट -

इस बार के चुनावों में एक और बदलाव देखने को मिलेगा कि यदि वास्तविक मतदान के समय वीवीपेट मशीन खराब होती है तो इस स्थिति में केवल वीवीपेट मशीन को ही बदला जाएगा, न कि पूरे सेट को। पहले के चुनावों में वीवीपेट खराब होने पर मशीनों के पूरे सेट को बदलना पड़ता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। इससे उलट अगर मतदान के समय ईवीएम खराब होती है तो उस स्थिति में पूरा सेट बदला जाएगा। पूरा सेट बदले जाने की स्थिति में मॉक पोल दुबारा होगा, लेकिन इस मॉक पोल में प्रत्येक प्रत्याशी के पक्ष में एक-एक वोट डालकर मशीनों की जांच की जाएगी। केवल वीवीपेट बदले जाने की स्थिति में मॉक पोल दुबारा नहीं करवाया जाएगा।


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