सेल की 4 यूनिट शामिल,
भिलाई. देश में क्रूड इस्पात उत्पादन क्षमता को 35 मिलियन टन तक बढ़ाने की तैयारी है। इसके तहत पहले चरण में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के 4 यूनिट को शामिल किए हैं। 2030-31 तक पहले चरण का काम पूरा होने की उम्मीद की जा रही है।
बीएसपी की क्षमता बढ़ाकर किया जाना है 10 एमटी
इस्पात मंत्रालय व सेल अगर बीएसपी का एक्सपांशन पहले चरण में नहीं करता है, तो दूसरे चरण में किया जाएगा। बीएसपी की उत्पादन क्षमता 10 एमटी से भी अधिक किया जाएगा। बीएसपी में रेलपांत उत्पादन की क्षमता व प्रकार को भी बढ़ाने की योजना है।
रोड मैप पहले किए थे तैयार
इस्पात मंत्रालय ने 2022-23 के लिए अनुदानों की मांग की जांच करते हुए, समिति ने 28 वें प्रतिवेदन में पाया था कि सेल के निदेशक ने सैद्धांतिक रूप से विजन 2030 को मंजूरी दी थी। इसमें 2030-31 तक चरणबद्ध तरीके से सेल की कच्चे इस्पात उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 49.6 मिलियन टन प्रतिवर्ष करने की परिकल्पना की गई थी। इन अनुमानों पर विचार करते हुए और 2030-31 तक 49.6 एमटी प्रतिवर्ष के लक्ष्य को प्राप्त करने मेें सेल की क्षमता और जिम्मेदारी को मानते हुए, समिति ने निर्देश दिया था कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सेल के क्षमता विस्तार के लिए एक रोड मैप तैयार किया जाए।
अब यह है योजना
पहले चरण में अब 2030-31 तक क्रूड इस्पात का उत्पादन 35 एमटी करने की योजना है। इसमें सेल के बर्नपुर, बोकारो, दुर्गापुर व राउरकेला स्टील प्लांट शामिल है। इसको लेकर डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस्को बर्नपुर की डीपीआर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। वहीं बोकारो, दुर्गापुर और राउरकेला की डीपीआर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
कैश कलेक्शन में बीएसपी अव्वल
कैश कलेक्शन के मामले में सेल टारगेट से कुछ पिछड़ गया है। भिलाई इस्पात संयंत्र ने 2,688.74 करोड़ कैश कलेक्शन किया है। राउरकेला प्लांट ने 2,193.40 करोड़ कैश कलेक्शन किया है। बोकारो संयंत्र ने 1,846 करोड़ कैश कलेक्शन किया है। बर्नपुर संयंत्र ने 888.29 करोड़ कैश कलेक्शन किया है। दुर्गापुर संयंत्र ने 794.80 करोड़ कैश कलेक्शन किया है। सेलम संयंत्र ने 223.66 करोड़ कैश कलेक्शन किया है। एलाय संंयंत्र ने 118.70 करोड़ और भद्रावती ने 2.88 करोड़ कैश कलेक्शन किया है। सेल को कुल 9,200 करोड़ कैश कलेक्शन करने का लक्ष्य था। इसके विपरीत 8,756 करोड़ रुपए नकद वसूला गया।